अब रह रह गुस्सा मुझे आता नही है
अब रह रह गुस्सा मुझे आता नही है,सब कुछ ठहरा हुआ, कुछ जाता नही हैकुछ पल हैं जो ख़ामोशी लेकर आते हैं,वरना पल कोई अब व्यर्थ जाता नही है!!मैं अब शिकायती नही किफायती हो गया हूँपहले थोडा सा बदमाश था, अब शरीफ निहायती हो गया हूँवैसे अब यात्रा का आनंद ही कुछ और है....जब उम्र के इस पड़ाव पर मैं, बच्चा शरारती हो