जहाँ जमीं और आसमान दोनों साथ चलते हैं...
मैंने जिंदगी भर शिकायतें की, मेरा जीवन नरक बन गया...मेरा जीवन कुछ पीछे सरक गया...जब मैंने खुद की शिकायतखुद से की...तो जीवन पुष्प खिल उठा.....आनंद जीवन में शामिल हो उठा,प्रेम की भाषा सीख गया, मानो आह्लाद की बारिश में भीग गया....हाँ कुछ कुछ ऐसा ही हुआ मेरे साथ!मैंने जिंदगी भर, लोगों में एक अलगाव देखा,