shabd-logo
Shabd Book - Shabd.in

नेहा भारद्वाज की डायरी

नेहा भारद्वाज

4 अध्याय
0 व्यक्ति ने लाइब्रेरी में जोड़ा
0 पाठक
निःशुल्क

 

neha bhardwaj ki dir

0.0(0)

पुस्तक के भाग

1

पेंसिल सी होती ज़िंदगी

21 मार्च 2018
0
1
0

पेंसिल सी होती जिंदगी... बिना नोक के समतल सी ,फिर नोक धीरे धीरे बनाई जाती... जिंदगी में भी उसी तरह उम्मीद जगाई जाती ,घिसते घिसते नोक फिर से अपनी धार खो देती...उसी तरह जिंदगी में भी यही घिसर चलती रहती ,जैसे ही नोक फिर से बनाई जाती लिखावट फिर से खूबसूरत हो आती...वैसे ही जिंदगी में भी हर खुशी और प्यारा

2

बलिदान दिवस विशेष

23 मार्च 2018
0
1
0

दो वर्ष के भीतर ही तीन वीरों ने जन्म लिया...भगतसिंह , सुखदेव और राजगुरु इन्हें नाम दिया , बचपन से ही इन्होंने ठानी , आजादी है देश मे लानी...आठ वर्ष की उम्र में , भगतसिंह में भर गई थी चिंगारी...जब देखी जलियांवाला बाग में रुदन किलकारी...लाला जी की मौत का लेना था प्रतिशोध...कर दी सांडर्स की हत्या , बिन

3

लाइक और शेयर कीजिये वरना .....

30 मार्च 2018
0
0
0

आज से काफी समय पहले जब फेस बुक पर कदम रखा तो इस आभासी दुनिया के बारे के ज्यादा कुछ जानती नही थी और इसका कोई खास यूज़ भी नही करती थी । फिर जब नया फोन लिया तो देखा यहां बहुत कुछ है जो बेवजह ही चलता रहता है...सबसे पहले मेरा सामना हुआ उस फ़ोटो से जिसमे एक बच्चे के फेफड़ों के एक्सरे रिपोर्ट में , एक पिन दिख

4

चिरनिंद्रा में एक कवि

16 अगस्त 2018
0
0
0

सो गया चिरनिंद्रा में एक कवि...रह गयी धरती पर अमिट छवि ,घुल गयी हवाओं में एक रूह... हो रही है चारो और एक आह ,दे रहे श्रद्धांजलि जन मानस सभी...रो रहे धरती गगन है मौन भी ,आने वाली पीढियां भी यश गायेंगी...ऐसा महान नेता दोबारा कहीं न पायेंगी ,हो जिसमें एक महान नेता के सभी गुण...हो सवार सिर पर बस देश हित

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए