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बलिदान दिवस विशेष

23 मार्च 2018

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featured imageदो वर्ष के भीतर ही तीन वीरों ने जन्म लिया... भगतसिंह , सुखदेव और राजगुरु इन्हें नाम दिया , बचपन से ही इन्होंने ठानी , आजादी है देश मे लानी... आठ वर्ष की उम्र में , भगतसिंह में भर गई थी चिंगारी... जब देखी जलियांवाला बाग में रुदन किलकारी... लाला जी की मौत का लेना था प्रतिशोध... कर दी सांडर्स की हत्या , बिना किसी गतिरोध... केवल क्रांति लाने के लिये , नही किया माफीनामे पर हस्ताक्षर... दे दी प्राणों की आहुति , हँसते हँसते फांसी पर चढ़ कर... दूसरे क्रांतिकारी को गले लगाकर ही , जिन्होंने अपने प्राण त्याग दिये... भड़क गई थी जनता में चिंगारी , जिसके उन्होंने जतन किये... फिरंगियों ने लाशों के टुकड़े , मिट्टी तेल में जला दिये... हुई आहट , जब इनके दीवानों के आने की... बहाए ले जा रही थी लाशों के टुकड़े , उफनती सतलुज नदी... भाग खड़े हुए फिरंगी...उन्हें अपनी जान बचानी थी , चुन चुन कर टुकड़े जनता ने , संस्कार विधिवत सम्पन्न किया... भारत माता के दीवानों ने , अपना कर्तव्य पूर्ण किया... सम्मान करें स्वदेश का...कद्र करें आजादी की , अनगिनत वीरों ने इसकी खातिर अपने प्राणों की आहुति दी !! © नेहाभारद्वाज

नेहा भारद्वाज की अन्य किताबें

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पेंसिल सी होती ज़िंदगी

21 मार्च 2018
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पेंसिल सी होती जिंदगी... बिना नोक के समतल सी ,फिर नोक धीरे धीरे बनाई जाती... जिंदगी में भी उसी तरह उम्मीद जगाई जाती ,घिसते घिसते नोक फिर से अपनी धार खो देती...उसी तरह जिंदगी में भी यही घिसर चलती रहती ,जैसे ही नोक फिर से बनाई जाती लिखावट फिर से खूबसूरत हो आती...वैसे ही जिंदगी में भी हर खुशी और प्यारा

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बलिदान दिवस विशेष

23 मार्च 2018
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दो वर्ष के भीतर ही तीन वीरों ने जन्म लिया...भगतसिंह , सुखदेव और राजगुरु इन्हें नाम दिया , बचपन से ही इन्होंने ठानी , आजादी है देश मे लानी...आठ वर्ष की उम्र में , भगतसिंह में भर गई थी चिंगारी...जब देखी जलियांवाला बाग में रुदन किलकारी...लाला जी की मौत का लेना था प्रतिशोध...कर दी सांडर्स की हत्या , बिन

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लाइक और शेयर कीजिये वरना .....

30 मार्च 2018
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आज से काफी समय पहले जब फेस बुक पर कदम रखा तो इस आभासी दुनिया के बारे के ज्यादा कुछ जानती नही थी और इसका कोई खास यूज़ भी नही करती थी । फिर जब नया फोन लिया तो देखा यहां बहुत कुछ है जो बेवजह ही चलता रहता है...सबसे पहले मेरा सामना हुआ उस फ़ोटो से जिसमे एक बच्चे के फेफड़ों के एक्सरे रिपोर्ट में , एक पिन दिख

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चिरनिंद्रा में एक कवि

16 अगस्त 2018
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सो गया चिरनिंद्रा में एक कवि...रह गयी धरती पर अमिट छवि ,घुल गयी हवाओं में एक रूह... हो रही है चारो और एक आह ,दे रहे श्रद्धांजलि जन मानस सभी...रो रहे धरती गगन है मौन भी ,आने वाली पीढियां भी यश गायेंगी...ऐसा महान नेता दोबारा कहीं न पायेंगी ,हो जिसमें एक महान नेता के सभी गुण...हो सवार सिर पर बस देश हित

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