मै तन्हा चलता रहा उसकी तलाश में
है वक्त गुजर रहा , उसके इंतजार में
ये तस्वीर भेजी है, उसने लिफाफे मे
मै तन्हा चलता रहा उसकी तलाश में
शौक इतना है बस, मेरे कान्हा।
हार भी हो तो भी तुझे साथ पाऊं
जीत भी हो तो भी तुझे साथ पाऊं
शौक इतना है बस, मेरे कान्हा।
फिर से इश्क बेपनाह करना होगा।
कान्हा के किरदार मे उतरना होगा।।
फिर से कान्हा सा प्रेम करना होगा।
राधा के किरदार में उतरना होगा।।
दैनिक लिखता हुं चंद लाइनें शौक से।
मन का भाव जाहिर करता हूं शौक से।।
चंद जज्बात छोड़ देता हूं रोज शौक से।
देश की माटी पास बुलाती हैं शौक से।।
दैनिक लिखता हुं चंद लाइनें शौक से।
मन का भाव जाहिर करता हूं शौक से।।
जब भी कोई समस्या आप को परेशान करे तो आप किसी भी सफल इंसान के बारे में जरूर पढ़ें या हो सके तो सम्पर्क करे।
*विचार बदल जाएगा*
```मै सलाम ज़िन्दगी को भेज देता हूं,
खुद ही खुद की मंजिल चुन लेता हूं।
मै सरे आम मस्ती बिखेर देता हूं,
खुद से खुद का पैमाना चुन लेता हूं।।
```
जिन्दगी ता उम्र बीत गई हिसाब करते हुऐ।
भाई अब सब कुछ ठीक है यह कहते हुए।।
रूठी दोस्ती जात धर्म पर बात करते हुए।
मिला सकून सफर ऐ रुखसत करते हुए।।
गुरु जब से बुध के पीछे पड़ा है
अब मंगल भरमाना छोड़ गया है
सनी कहे है समझाना बेकार है
शुक्र कहे मन मुताबिक करते है
सोम बैठ मुस्कुरा देखते रहते हैं
रवि साथ बैठ समझाते रहते हैं
गुरु जब से बुध के पीछे पड़ा है
अब मंगल भरमाना छोड़ गया है
आती है नींद तो थकान मिटती है।
दिन की घटना सपना मे होती है।।
देख सपना मन भयभीत होता हैं।
कभी योजना बनाते रात कटती है।।
आती है नींद तो थकान मिटती है।
दिन की घटना सपना मे होती है।।