निवेशकों के लिए निश्चित रूप से यह मुश्किल समय है । यह एक बड़ी समस्या जैसी नज़र आती है
जहाँ नन्हे बच्चे भी आपको बता दें कि सामने ‘आइस बर्ग’ है, फिर भी आप अपने जहाज़ के एक मंझे
हुए कप्तान की तरह ये नहीं तय कर पाते हैं कि जहाज़ को पूरी गति से आगे बढाया जाए या सावधान
हो जाया जाए I टाइटैनिक की कहानी से तो आप भी परिचित होंगे I
वैसे, अगर आप कुछ दशकों से निवेश के क्षेत्र में काम कर रहे हैं, तो आप समझते होंगे कि बाज़ार में
उतार-चढ़ाव भी आता है I हम सभी चाहते थे कि ‘न-मो’ बैंकों में जमा काले धन पर लगाम लगाएँ, (मैं
उन्हें इस सम्बन्ध में ढुलमुल रवैय्या अपनाने के लिए दोष देता रहा हूँ ) अब उन्होंने आरआर को इसकी
ज़िम्मेदारी सौंप दी है I आयोग के अधिनियम और आयोग के कार्य दोनों की या तो प्रशंसा या आलोचना
की जानी चाहिए I यह बहुत तकलीफदेह है कि वर्ष 2014 में शुरू की गई एसआईपी भी अब क़र्ज़ में डूबी
है I गिरावट इसी तरह जारी रही तो आपको संकल्प और मजबूत करने होंगे । आपको कितने ही ‘ना’
कहने वाले लोग मिल जाएँगे जो आपसे ये कहेंगे कि आपके लिए पीपीएफ या बांड्स कितने फ़ायदे के हैं
। यदि आप 10-20-30 या अगले कुछ और वर्षों के लिए निवेश करने वाले हैं, तो आपको निवेश
सम्बन्धी इस आश्चर्यजनक अवसर के बारे में जानकर ख़ुशी होगी I
क्या आगे चलकर बाजार में गिरावट आएगी? मुझे नहीं पता।
बाज़ार कितनी नीचे जाएगी ? मुझे नहीं पता।
यह गिरावट कब तक बनी रहेगी ? मुझे नहीं पता।
अगर मैं भविष्यवक्ता होता तो मैं उस समय बेचने के लिए कहता जब सूचकांक 30,000 हो I एक तो
मुझे ये नहीं मालूम कि ये गिरकर 23, 500 पर आ जाएगा, दूसरे यह कि मुझे इसका भी कोई अनुमान
नहीं कि यह फिर से 30,000 पर कब वापस आ जाएगा I हालाँकि, फिर भी मैं 50,000 के आंकड़े की
बात सोच सकता हूँ बशर्ते न-मो की अगुवाई में बैंकों में जमा काले धन पर कार्रवाई हो I हाँ, तकलीफ तो
होगी I बैंकों को पूरी तरह से ‘क्लीन-अप’ होने तक एफआईआई का पैसा ‘बैंकिंग स्टॉक’ से बाहर रहेगा ।
यकीन जानिए, ‘क्लीन-अप’ की अभी शुरुआत हुई है I यह तकलीफदेह तो होगा। मैं बस इतनी आशा
करता हूँ कि कुछ बड़े पूंजीपतियों के साथ-साथ निदेशक, प्रबंधक, और लेखा परीक्षकों को जेल हो जाएगी I
विजय माल्या, बैंकों की छवि बिगाड़ने वालों के खिलाफ़ खड़े दिखाई देते हैं, लेकिन आपको बता दूं कि
अपराधियों की इस श्रृंखला में कुछ और नाम भी हैं I विजय माल्या ही ऐसा अकेला प्रबंधक नहीं है, लेकिन
वह भी तबीयत से अपनी छवि सुधारने की पूरी कोशिश करता है I
मैं ऐसे लोगों को जानता हूँ जो छोटे लॉट में निवेश शुरू कर चुके हैं और जो अपने एसआईपी चला रहे हैं
I मैं ऐसे DIY निवेशकों को भी जानता हूँ जिन्होंने ज़्यादा से ज़्यादा निवेश शुरू कर दिया है I 3 महीने में
हमें पता लग जाएगा कि ‘स्मार्ट’ कौन है और 3 साल में हो सकता है कि हम गिरावट भूल भी जाएँ I
पीछे मुड़कर देखें तो हम कह सकते हैं कि OMG के निवेश मुझे कम से कम 23,000 पर बेचना चाहिए
था या ये कह सकते हैं कि और अधिक निवेश करने के लिए OMG एक अच्छा अवसर था I ईमानदारी की
बात तो ये है कि मेरे पास इस बात का कोई जवाब नहीं कि क्या किया जाए I बैंकों में शुरू होने वाली
इस तरह की सफाई निश्चित ही चलेगी और कई ‘स्टार्ट-अप्स’ को प्रभावित करेगी, उनकी कम्पनी की
शेयर वैल्यू घटेगी और इसलिए उनके पास नक़दी की कमी हो जाएगी I स्टार्ट-अप की तो बात ही छोड़िये,
ये किसी भी कम्पनी के लिए सबसे बुरी बात होगी I
कच्चे तेल की कीमतें गिरने की वजह से खाड़ी से परिवारों ने पलायन शुरू कर दिया है, और यह स्थिति
और भी बिगड़ सकती है । वीज़ा मुद्दे को छोड़कर, यूएस में स्थिति अच्छी है इसलिए आईटी की छोटी-
बड़ी कम्पनियाँ अच्छा मुनाफा कमाएंगी I बहुत मुमकिन है कि चीज़ों की कीमतें पटरी पर आ जाएँ और
सोने में थोडा उछाल आने की सम्भावना रहेगी I यूएस डॉलर में मजबूती आती रहेगी, और मुद्रा बचाने के
लिए आरआर को ब्याज दरों में वृद्धि करने की ज़रूरत पड़ सकती है I अगर ऐसा होता है तो आपके
डेट-पोर्टफोलियो की वैल्यू में गिरावट आएगी I अगर आपने बांड्स में निवेश किया है तो वास्तव में
आपको चिंता आपको चिंता करने की ज़रूरत नहीं है, लेकिन आपके बांड-पोर्टफोलियो में गिरावट आएगी I
फिर भी, आपको उतार-चढ़ाव तो झेलने होंगे I 1979 से लेकर आज तक मेरे लिए एक लम्बा सफ़र रहा है
I दो प्रधानमंत्रियों की हत्या हुई, 4 अमेरिकी राष्ट्रपतियों ने विभिन्न युद्धों में अरबों डॉलर खर्च किये I
ब्याज की दरों में वृद्धि हुई, गिरावट आई और दरें शून्य पर भी रहीं । आज 2 महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्थाओं
में यह शून्य से नीचे है I घरेलू से लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक घोटाले हुए I चुनाव लड़े गए, सही तरीक़े
से और गलत भी I प्रौद्योगिकी आगे बढ़ी I उबेर, फेस बुक, ओला, स्नैपडील, फ्लिपकार्ट, पहले से नहीं थे
बल्कि इनकी ईजाद हुई और इसी के साथ बाज़ार में भी उतार-चढ़ाव आए I
एक एक्सेल शीट पर जाकर 1979 के सामने 100 डालें और 2016 के सामने 23400, और IRR का
हिसाब लगा लीजिए फिर इसमें तर्कसंगत लाभांश जोड़कर देख लीजिए I आप देखेंगे कि पिछले आंकड़ों से
भविष्य के आंकड़ों का कोई अनुमान नहीं होगा I
बाज़ार के बारे में अपनी समझ के अनुसार निर्णय लीजिए I
शांति से आप आगे बढ़ सकें, इसके लिए अपनी क्षमता के अनुसार निर्णय लें I
भविष्य में होने वाले बाज़ार के परिवर्तनों को ध्यान में रखकर निर्णय लें I
ध्यान रहे, एकाग्रचित्तता सीखी जाती है, सिखाई नहीं जाती
स्त्रोत - http://www.subramoney.com/2016/02/how-to-invest-now/