अग्निपथ
वृक्ष हों भलेखड़े,हों घने हों बड़े,एक पत्र छाँह भी,माँग मत, माँग मत, माँग मत,अग्निपथ अग्निपथअग्निपथ। तू न थकेगा कभी,तू न रुकेगा कभी,तू न मुड़ेगा कभी,कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ,अग्निपथ अग्निपथअग्निपथ। यह महान दृश्य है,चल रहा मनुष्य है,अश्रु श्वेत रक्तसे,लथपथ लथपथ लथपथ,अग्निपथ अग्निपथअग्निपथ।डॉ० हरिवंशराय