यह कहानी के पात्र और स्थान सभी काल्पनिक है और इस कहानी में हम इस कहानी के नायक के डायरेक्टर बनने तक का सफर तथा उसके प्रेमी अथवा इस कहानी की नायिका का प्रेम में खुद को समर्पित कर देने का सफ़र दिखाया गया है।
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मै जो कहानी सुनाने जा रहा हूं उसका वास्तविक जीवन से कुछ लेना नही है और इसमें दिए गए पात्र और स्थानों के नाम काल्पनिक है, ये कहानी शुरू होती है एक गांव से जिसका नाम कनकपुरा और यहां एक लड़की रहती है जो
विजय नींद में सपना देखता है कि वह अगली सुबह नींद से जगे और बाहर पंक्षियों के चहकने की आवाजे बंगले के बरामदे में से स्पष्ट सुनाई दे रहा था और साथ में सूर्य नदी के दूसरी छोर से उजाले का दीप लिए जन्म लेत