13 जून 2016
लबों से चूम लो
हाथों से थाम लो मुझको ....
तूझी से जन्मू,
तो शायद मुझे पनाह मिले.....
#कन्याभ्रूणहत्या
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आस्था फिल्म मैं लता जी ने ये बहुत अच्छी गजल गए थी .
लबों से चूम लो हाथों से थाम लो मुझको ....तूझी से जन्मू,तो शायद मुझे पनाह मिले.....#कन्याभ्रूणहत्या
धूप में छाँव की तरह, ठंड में अलाव की तरह,हर दर्द समझने वाली,डांट में भी प्यार दर्शाने वाली, मेरी माँ....प्यारी माँ....
नई दिल्ली। पूर्वी दिल्ली से बीजेपी के सांसद महेश गिरी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर भूख हड़ताल पर बैठे हैं। एनडीएमसी अधिकारी एम एम खान की हत्या के सिलसिले में केजरीवाल ने उनपर आरोप लगाया था और इसी बात को लेकर वह दिल्ली के सीएम के खिलाफ खड़े हो गए हैं। इन सब राजनीतिक कदमों के बीच एनडीएम
कहने को हमारे देशमें सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं पर फिर भी लोगों की मजबूरी खत्म नहीं होती। कुछ लोगआज भी फुटपाथ पर सोने को मजबूर है, तो कहीं खाने को दो वक्त की रोटी भी नसीब नहींहोती । जिनको सोने के लिए छत भी नहीं मिलती, रात भर सड़क किनारे फुटपाथ पर गुजारनीपड़ती हैं और एक वक्त भूखे ही सोना पड़ता हैं। क्य
आज समाज में जहां हर वर्ग के लोगों को समानता देने की बात होती हैं,वहीं कहीं-कहीं कुछ लोगों को समाज समान नज़र से नहीं देखता। किन्नर भी एक वर्ग मेंआते हैं और हमारे समाज में भी आते हैं। फिर भी लोग उन्हें अलग नज़र से देखते हैं। किन्नरोंको हर क्षेत्र में आरक्षण मिल रहा हैं लेकिन समाज आज भी इन लोगों को अलग