कहने को हमारे देश
में सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं पर फिर भी लोगों की मजबूरी खत्म नहीं होती। कुछ लोग
आज भी फुटपाथ पर सोने को मजबूर है, तो कहीं खाने को दो वक्त की रोटी भी नसीब नहीं
होती । जिनको सोने के लिए छत भी नहीं मिलती, रात भर सड़क किनारे फुटपाथ पर गुजारनी
पड़ती हैं और एक वक्त भूखे ही सोना पड़ता हैं। क्यों इन लोगों पर कोई ध्यान नहीं
देता ? अगर सरकार भी थोड़ा ध्यान दे तो इन लोगों के सिर
पर छत और खाने को दो वक्त की रोटी नसीब होगी। ताकि ऐसे जीवन जीने को किसी की भी
मजबूरी न बनें।