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एक परदेशी की व्यथा

11 नवम्बर 2016

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मलकिन कै फोनवा आय गवा । तू घरे चला आवा जल्दी ॥ मडही चुवति अहै कसके । एका तू दिया छवाय जल्दी ॥ पिन्टू कै नइकर फाट गवा । लाडो कै टूट गवा जूता ॥ गाय कै पगहा लाय रह्या । ऊ टूट गवा एक एक बीता ॥ पण्डोहे कै हाल बतायी । बगल पडोसी रोंका थे ॥ अब अइसन हालत बनी अहै । अँगनै मा मेघा बोलाथे ।😄 लग्गा से घुइहाय थकेन हम । अउर गयन कुम्हलाइ सुना ॥ रोज पडोसी कै टन्टा बा । एका आय के तुंही सुना ॥ पिन्टू कै स्कूल फीस भी । यही महीना भरै का बा ॥ अपुना बसा अहा दिल्ली मा । हिंया अकेलै जरै का बा ॥ खेत बरक के ठनक गवा ॥ ना आगे कुछू सुझात अहै । देखि देखि के हाथ मली हम । बरखू कै खेत बोवात अहै 😄 ॥ बरसीनी कै हिंया भिगोयन। वहूमा भुकुडी पकड लिहिस ॥ ई सव देखि के पिन्टू के पापा । हमहूँ का जुडी जकड लिहिस॥ हाथ जोड के कहत अही । तू सुनिल्या तनिका ध्यान लगाय ॥ आवत अहै साकेतपुरी तू सथवै लेत्या टिकट कटाय. । अनिल साकेत पुरी


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प्रियंका शर्मा

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बहुते बढ़िया , साकेतपुरी जी .

12 नवम्बर 2016

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गंवई बात हकीकत कि

11 नवम्बर 2016
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गँवई बात हकीकत कै । बँटवारे का लइके अबकी बहुत बडा होइगा बवाल । अम्मा केकरे मा रहिहैं के झेले बाबू कै सवाल ॥ गाँव देश कै पर पँचाइत किहिन यक्कठी बगिया मा । बइठ के दूनौ रहे चौधरी बात बनावै सझिया मा ॥ अम्मा बाबू सोच के रोवैं ई कवन मुसीबत आन पडी । दूनौ दुल्हिन जबसे लडि अप

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एक परदेशी की व्यथा

11 नवम्बर 2016
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मलकिन कै फोनवा आय गवा । तू घरे चला आवा जल्दी ॥ मडही चुवति अहै कसके । एका तू दिया छवाय जल्दी ॥ पिन्टू कै नइकर फाट गवा । लाडो कै टूट गवा जूता ॥ गाय कै पगहा लाय रह्या । ऊ टूट गवा एक एक बीता ॥ पण्डोहे कै हाल बतायी । बगल पडोसी रोंका थे ॥ अब अइसन हालत बनी अहै । अँगनै मा मेघा बोलाथे ।😄 लग्गा से घुइहाय थ

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इहै हउवै भैया कचहरी कय रास्ता

11 नवम्बर 2016
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आवा सुनायी तोहैं गउवाँ कै झक्सा । छोट छोट बात से कपार जँहा चटखा॥ शुरु होइगै हइजा भगवती कै चश्का । इहै हउवै भइया कचहरी कै रस्ता इहै हउवै भइया कचहरी कै रस्ता । कल्लू के बगिया मा आमे कै झोप्सा । पियर पियर हरियर कटहुली कै नक्शा ॥ मार दियैं लालच मा लल्लू जौ चीपा । भर भर

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