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इहै हउवै भैया कचहरी कय रास्ता

11 नवम्बर 2016

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आवा सुनायी तोहैं गउवाँ कै झक्सा । छोट छोट बात से कपार जँहा चटखा॥ शुरु होइगै हइजा भगवती कै चश्का । इहै हउवै भइया कचहरी कै रस्ता इहै हउवै भइया कचहरी कै रस्ता ।

कल्लू के बगिया मा आमे कै झोप्सा । पियर पियर हरियर कटहुली कै नक्शा ॥ मार दियैं लालच मा लल्लू जौ चीपा । भर भर के गिर जाय अमवा कै घोप्सा ॥ इहै हउवै भइया कचहरी कै रस्ता २ काटि काटि मेडवा बदलि देंय नक्शा । घरही मा मेहरी कै तोड दियैं बक्सा॥ लइके लुगरिया मेहरिया जौ धावै । नइहर के ओरी तकाय दियै रस्ता ॥ इहै हउवै भइया कचहरी कै रस्ता । वै उनसे बढिके तौ वै उनसे बढिके । केहू ना कम बा चलै आगे बढिके ॥ बाप से ना बात करते कभौ अँगनाई। मेहर बजाय दियै घरहीं मा चिमचा ॥ इहै हउवै ........... लिख्खै साकेतपुरी दिल्ली लेख निया। घर मा पडोसी के गिर गइले नरिया॥ भागि गय बिलरिया बढाय केनि लफडा। झाडै पडोसी पै मनवा कै शँका । इहै हउवै भइया कचहरी कै रस्ता इहै हउवै भइया कचहरी कै रस्ता ॥ अनिल साकेत पुरी


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गंवई बात हकीकत कि

11 नवम्बर 2016
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गँवई बात हकीकत कै । बँटवारे का लइके अबकी बहुत बडा होइगा बवाल । अम्मा केकरे मा रहिहैं के झेले बाबू कै सवाल ॥ गाँव देश कै पर पँचाइत किहिन यक्कठी बगिया मा । बइठ के दूनौ रहे चौधरी बात बनावै सझिया मा ॥ अम्मा बाबू सोच के रोवैं ई कवन मुसीबत आन पडी । दूनौ दुल्हिन जबसे लडि अप

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एक परदेशी की व्यथा

11 नवम्बर 2016
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मलकिन कै फोनवा आय गवा । तू घरे चला आवा जल्दी ॥ मडही चुवति अहै कसके । एका तू दिया छवाय जल्दी ॥ पिन्टू कै नइकर फाट गवा । लाडो कै टूट गवा जूता ॥ गाय कै पगहा लाय रह्या । ऊ टूट गवा एक एक बीता ॥ पण्डोहे कै हाल बतायी । बगल पडोसी रोंका थे ॥ अब अइसन हालत बनी अहै । अँगनै मा मेघा बोलाथे ।😄 लग्गा से घुइहाय थ

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इहै हउवै भैया कचहरी कय रास्ता

11 नवम्बर 2016
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आवा सुनायी तोहैं गउवाँ कै झक्सा । छोट छोट बात से कपार जँहा चटखा॥ शुरु होइगै हइजा भगवती कै चश्का । इहै हउवै भइया कचहरी कै रस्ता इहै हउवै भइया कचहरी कै रस्ता । कल्लू के बगिया मा आमे कै झोप्सा । पियर पियर हरियर कटहुली कै नक्शा ॥ मार दियैं लालच मा लल्लू जौ चीपा । भर भर

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