फिर आज तुम्हारी याद आयी,
फिर मैंने तुम पर एक गीत लिखा
वहीं लिखा जो लिखता आया हूँ
तुमको फिर अपना मीत लिखा।
फिर आज तुम्हारी याद आयी...
जिन कदमों की आहट भर से,
बढ़ जाती है लय इन सांसों की
उन कदमों को लिखा बांसुरी
सांसों की लय को संगीत लिखा।
फिर आज तुम्हारी याद आयी....
मेरी नजरों से तो हो ओझल तुम
पर फिर भी हो मेरे पास सदा।
प्रिये कोई तो नाता मुझसे रखलो
चाहे तुम समझों मुझको सखा।
इन्हीं बातों को लिख लिखकर,
तेरी प्रीत को अमर रीत लिखा।
फिर आज तुम्हारी याद आयी,
फिर मैंने तुम पर एक गीत लिखा