जो हमारे परिवार में मर चुके हैं ! जिनकी मृत्यु हो चुकी हैं ! वह पितृ कहलाते हैं !वह आप से छोटे भी हो सकते हैं और बड़े भी हो सकते हैं ! या गर्भपात में भी जा सकतें हैं ! यह दो प्रकार होते हैं !
1. जो अपने सफर में आगे बढ़ गए हैं ! उनका पुनर्जन्म हो गया हैं या मोक्ष मिल गया हैं ! ऐसे पितृ को शांत पितृ कहते हैं
2. जिन का सफर पूरा नहीं हुवा ! कहीं अटक गए हैं ! कई वजह हो सकती हैं ! कर्म कोई इच्छा पूरी न होना ! कोई मोह होना ! अशांत पितृ इस तरह के पितृ कहलाते हैं !
तो जो यह अशांत पितृ हैं वह हम से कनेक्ट होते हैं ! इसलिए उनका प्रभाव हम पर आता हैं !
वह हम से क्या चाहते हैं ?
वह तो हमसे चाहते हैं की हम उन्हें उनके सफर में आगे बढ़ने में मदद करें ! जब उनकी मृत्यु होती हैं तब वह यहां की चीजों से नहीं छूट पाते और आगे नहीं बढ़ पाते ! धीरे धीरे महसूस होता हैं की जहां वह फसे हैं वह कैसी जगा हैं तो वहां से बाहर निकलना चाहते हैं ! तो इसके लिए वह हमसे ही मदद मांगते हैं ! अब आप एक चीज सोचें की यदि आप को दर्द हो रहा हैं तो आप किसी पर ध्यान नहीं दे पाएंगे यहां तक की अपनी समस्या बड़ी लगेगी तो वह जहां फसे हैं वहां से उन्हें छुटकारा चाहियें जो आप दिलाएंगे कुछ उपाए कर के !
यह आगे दो प्रकार के होते हैं !
1. ज्ञात :- जिन्ह आप जानतें हैं ! 2. अज्ञात :- जो बहुत पुराने हैं जिन्ह आप जानते नहीं हैं ! , ,