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यूं तो आपके इंतज़ार में हमने कुछ इस तरह आँसू बहाया है रातों की नींद तो छोड़िये हमने दिन का चैन भी गवाया है देखा जो हमने आपको आप हमें पहली नज़र में ही भा गए नज़रों में कुछ इस तरह उतरे की सीधे दिल में समा गए देखा है हमने ज़माने को इश्क़ में धोखा खाते
काले रंग को बहुत से धर्म और प्रांतो के लोग अशुभ मानते है ।इसे अनहोनी अशुभ समाचार तथा अनिष्ट की आशंका से जोड़ जाता है ।इसे अंधकार निराशा,हार और बुराई का प्रतिक भी माना जाता है ।संक्षेप में कहुँ तो काले रंग को नकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है ।परन्तु क्या काला
ऊँगली पकड़कर जो हमें चलना सिखाते है,लड़खड़ाने पर सबसे पहले सँभालने वही आते हैप्यार तो करते है पर जताते कभी नहीं हम पे मरते है पर बताते कभी नहींहमारी खुशियों के लिए जो खुद को जलाते हैतकलीफ में तो होते है पर अपना दर्द छुपाते हैहमारा पेट भरने के लिए खुद भूखे सो जाते है ख
मछली जिसमे रहती है , जिसे अपना घर कहती है, जल ही है वो जीवनधारा ,जो हर नदी में बहती है । कभी बारिश की बुँदे बनकर पौधों की प्यास बुझती है इठलाती और बलखाती फिर वसुधा की गोद में समा जाती है ।शक्ति जिसकी अपार है ,समुद्री जीवों का जो
सब प्राणियों को गुलाम बनाने वाले अब घरों में कैद बैठे हैं सबको आँख दिखाने वाले न जाने क्यूँ सहमे से रहते है । बेख़ौफ़ घूम रहे हैं वो जो कभी जंगलों में छिपे रहते थे, और उनका शिकार करने वाले वह शिकारी न जाने किसका शिकार बन बैठे हैं ।पर्यावरण
दुःखों के बादल छोटेंगे जब,सुख का सूरज आएगा,एक सवेरा ऐसा होगा,जब प्रकाश अँधकार को मिटायेगा। उम्मीदों के आशियाने में ,जब कोई उत्साह का दीप जाएगा ,एक सवेरा ऐसा होगा,जो दिलों में जोश जगाएगा।मनुष्य भा