ऊँगली पकड़कर जो हमें चलना सिखाते है,
लड़खड़ाने पर सबसे पहले सँभालने वही आते है
प्यार तो करते है पर जताते कभी नहीं
हम पे मरते है पर बताते कभी नहीं
हमारी खुशियों के लिए जो खुद को जलाते है
तकलीफ में तो होते है पर अपना दर्द छुपाते है
हमारा पेट भरने के लिए खुद भूखे सो जाते है
खुद टूटकर भी वो हमें बनाते है
हम कुछ पा सके इसलिए वो अपना सब कुछ गवाते है
वो पिता है जो खुद मरकर हमें जीना सिखाते है
बस इतना ही कहूँगा आपसे
आपकी मोहब्बत का अहसास हमें कम नहीं
माना कभी कहते नहीं
पर आप हमारे लिए किसी फरिश्ते से कम नहीं