गुजर रही है जिंदगी ऐसे मुकाम से अपने ही दूर हो जाते हैं जरा जुकाम से तमाम कायनात में एक कातिल बीमारी हवा हो गई वक्त ने कैसा सितम ढाया की दूरियां ही दवा हो गई आज सलामत रहे तो कल शहर देखेंगे आज पहरे में रहे तो कल पहर देखेंगे सांसों को चलने के लिए कदमों का रुकना जरूरी है घरों में बंद रहना दोस्तों हालात की मजबूरी hai तुम कर भी कुछ नहीं सकते सिवाय दूरियों के अगर आज जिंदा रहे तो कल फिर मिलेंगे अगर जिंदा रहना है तो घर में ही रहे हम फिर मिलेंगे गुजरे हुए कल के बाद COVID_19
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