वर्तमान में वैश्विक स्तर पर सभी देशों ने अपनी विदेश नीति को अपनी अर्थव्यवस्था की क्षेत्रीय आवश्यकताओं के साथ जोड़ रखा है। पिछले कुछ समय से आर्थिक कूटनीति मुख्यधारा में आ गई है। वैश्विक अर्थव्यवस्था में आज बाजारों के लिए प्रतिस्पर्धा है। कच्चे माल, निवेश, प्रौद्योगिकी और कुशल मानव शक्ति के लिए विभिन्न देशों की आर्थिक कूटनीति और अधिक आक्रामक हो गई है