मदर टेरेसा दया, करुणा एवं प्रेम की प्रतीक थीं। उन्होंने जीवनपर्यंत अपने निःस्वार्थ सेवाभाव से प्रेम और करुणा का संदेश प्रसारित किया। मदर टेरेसा ने सही मायने में ‘मां’ शब्द को चरितार्थ किया। कहा गया है कि भगवान हर जगह नहीं हो सकते इसलिए उन्होंने मां को बनाया। वर्ष 19