जब मैनें २०१६ का रिजल्ट देखा तो आँखे खुली की खुली रह गयी | बेचारे पढने वाले फिर लुट गए | हम ३ वर्ष से अपने इलाके मे सर्च कर रहें हैं दिन -प्रतिदिन पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं और न पढ़ने वालों में प्रतिशत बढ़ रहा है १०० में से ८० एेसे हैं जो कम नालेज के हैं
और बेहतरीन अंक है लड़कियाें की संख्या ज्यादा है
इसलिए क्योंकि उनका सेन्टर स्थाई रहता है|
सरकार या तो उनका सेन्टर बनाए ,कैमरा लगवाए या कोई ठोस कदम उठाऐ|
वरना शिक्षा का अस्तित्व खत्म हो जाऐगा|
पुरुष सशक्तीकरण की माँग उठने लगेगी|
पुरुष आरक्षण की माँग उठने लगेगी|
अवनीश कुमार मिश्रा