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पुस्तक लेखन प्रतियोगिता अगस्त घर घर की कहानी

1 अगस्त 2022

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नमस्ते ,

एक शहर में अमीरचाँद नाम का व्यक्ति रहता था । वो बहुत अमीर था । उसका एक बेटा था वो बहुत खर्चालु था वो दिन के बहुत पैसे खर्च करता था। उसके पिता ने उसे पैसो के महत्व के बारे में बहुत बताया और कहा कि पैसे सोच समझ के खर्च किया करे पर वह नहीं समझा । उसके पिता ने नया रास्ता निकाला उन्होंने उसे कुछ जरूरी बातें पर्ची पर लिख कर दी और साथ में उसे 10,000 रुपए दिए ।और कहा कि तुम एक साल में इन पैसो को अपनी सूझ बूझ से पैसे कमाओ और मुझे एक साल बाद बताओ। और वो एक साईकिल ले कर जाने लगा और वो एक जगह पहुंचा वहाँ पर उसने रेस में भाग लिया जिसकी फीस 5000 रुपए थी और वो उस रेस में हार गया फिर वो आगे चला गया उसने महंगे होटल में खाना खाया और फिर आगे जाने लगा पैसे ख़तम हो गए फिर खाने के पैसो की कमी होने लगी उसने फिर अपनी साइकिल बीच दी। फिर उसने खाना खाया कुछ दिनों बाद उसके पास बिलकुल भी पैसे नहीं बचे। उसने फिर इसे अपने पिता की दी हुई पर्ची की याद आई । उसने उस पर्ची को खोला और उसमें कुछ बातें लिखी थी उसने उन्हें पढ़ा । अब वो इस बातो के हिसाब से जीने लगा ।उसमे अब मजदूरी करनी शुरू करदी । वो सोचने लगा की में पहले ही इस पर्ची को देख लेता तो मुझे आज मजदूरी न करनी पड़ती  ।उसने मजदूरी से कुछ पैसो को जोड़ा और उससे कुछ जमीन ली और उसे किराये पर दे दिया । उससे जो पैसे इकठा होते उसे वो दूसरी जगह इन्वेस्ट करता । इससे उसे जो पैसे आते उससे उसने एक घर लिया और उसे भी किराये पर दे दिया । ऐसा करते करते एक साल बीत गया । अब वो अपने पिता के पास गया और अब वो बहुत बड़े हो चुके थे । वो अपने पिता से मिला और  उन्हें अपने एक साल में क्या हुआ वो सब बताया कि मैंने आपकी बात न मान कर बहुत गलत किया । इससे मुझे बहुत बड़ा सबक मिला। मेरे पैसे कुछ हे दिनों में खत्म हो गया फोर मुझे किसी के यहाँ मजदूरी करनी पड़ी मैंने आपकी पर्ची संभाल कर रखी थी। मैंने जब उसे पड़ा तो मुझे फाइनेंसियल टिपस प्राप्त हुई । उससे मैंने पहले पैसे जोड़े फिर उसे सही जगह इन्वेस्ट किया । और पैसे कमाये । और उसे में आपके पास ले आया हु ये लो वो 5000 रुपए और ये 5 लाख रुपए जो मुझे मुनाफा हुआ । आपका बहुत बहुत धन्यवाद की अपने मुझे ये सिख दी इससे अगर मेरे पास पैसे न भी हो फिर भी में शूरी से काम करके पैसो की तंगी को दूर कर सकता हु । ये सभी बातें सुनते सुनते पिता की आँखों में आंसू आ गए और वो खुश भी थे की उनके बेटे को पैसो की कीमत का पता चल गया उन्होंने उसे गले लगाया और अपनी सारी जायदाद उसके नाम कर दी अब वो अपने पिता की सेवा करता और उसके पिता ने उसका विवाह लार दिया और वो ख़ुशी ख़ुशी रहने लगे।

इससे हमें ये सीख मिलती है कि बड़ो की बात को गौर से सुन्ना चाहिए और उनकी बातों पर सोच विचार करना चाहिये।

और

जरूरत से ज्यादा पैसे नहीं खर्चने चाहिए

धन्यवाद ।

अगर कोई गलती हुई हो तो क्षमा करना और उस गलती के बारे में मुझे टिपणी कर के जरूर बताये ताकि में अच्छा लिख सकू।

कहानी अछि लगे तो लाइक जरूर करे टंकी मुझे लिखने की प्ररेणा मिल सके ।

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