कहानी गजर घर की लेखकः कृष्णा
एक गाँव में तीन भाई अपने माता-पिता के साथ रहते थे । वे सभी बहुत खुशहाल जीवन बिता रहे थे । दो भाई बाहरवी तक ही पढ़े लिखे थे और एक भाई उनसे बहुत पड़ा लिखा था । तीनो ने अपना काम करना शुरू किया एक भाई जो बहुत पढ़ा लिखा था उसे एक नौकरी मिल गई और वोह वह जा कर काम करने लगा । उसकी गली के लोग उसे बहुत आदर से बुलाते थे । बाकि दो भाइयो में से एक किसी की दूकान में काम करता था । और तीसरे भाई ने अपना काम करने की सोची और उसने अपनी एक दुकान डाली और अपना काम शुरू किया । बाद में उनके घर वालो ने तीनों के विवाह कर दिया । पहले उनमे बहुत एकता थी पर शादी होने के बाद भाइयो की लड़ाई भी हो जाया करती थी बड़ा भाई तांग आ कर अपना हिस्सा ले कर शहर में आ गया और यहाँ पर उसने एक छोटा घर ख़रीदा और वह रहना लगा । दूसरे भाई ने भी एक छोटा घर दूसरे गांव में लिया और अपने हिस्से की जमीन ले कर चला गया । अब एक भाई और उसकी पत्नी और माँ बाप उस घर में रहते थे वो उनसे बहुत प्यार करता था वो उनकी सेवा करता और उनका धयान रखता था । उसका काम कम था पर दिल बहुत बड़ा था । वो माता पिता को किसी चीज की कमी महसूस नहीं होने देता था । बाद में उसका काम थोड़ा ठीक होने लगा तो उसने साथ में एक और दूकान ले ली । फिर उस दूकान पर उसने एक आदमी रख लिया। फिर उसकी किस्मत प्लाट गई जो कुछ भी खरीदने के समर्थ नहीं था उसने अपने घर को बंगले जैसा बनाया । और वो सुखी से रहने लगा वो दान भी करता और गाँव के लोगो को फ्री में तीर्थ भी करवाता । उसकी नेकी की खबर अखबारों में आने लगी जो भाई उसके दुःख के समाये में उसे छोड़ गए थे वो भी आ गया और उससे क्षमा याचना करने लगे । उसने उन्हें माफ़ किया और सभी भाई एक हे दूकान में काम करने लगे बाद में उन्होंने अलग अलग शहरो में अपनी ब्रांच खोली । और वो सभी प्रसंता से रहने लगे।
धन्यवाद।।