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“प्याज के आंसू “

8 अप्रैल 2022

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टमाटर की खटास आजकल,टमाटर की खटास आजकल,

टमाटर की खटास आजकल,टमाटर की खटास आजकल,

 कुछ ज्यादा ही हो गई |

देख के ये अपना हाल,

प्याज़ की आँखे नम हो गई ||

छीनी मेरी भी कुर्सी |

कैसी ये तेरी मर्ज़ी ||

गुस्से में टमाटर से, ज्यादा लाल हुआ है |

कैसे हुआ ? सोचकर ये बेहाल हुआ है ||

टमाटर को गिराने हेतु, आगे आना होगा |

प्याज ही नहीं, सबको रेट बढ़ाना होगा ||

खीच कर टांग को गिरा देंगे |

काबिज़ कुर्सी पर हो जायेंगे ||

रुतबा अपना कम कर नहीं सकते |

टमाटर को बढ़ने नही दे सकते ||

गति अपनी फिर बढ़ाऊंगा |

टमाटर से ऊपर जाऊँगा ||

हर बार आसमां छूता हूँ ,

इस बार भी हार न मानूँगा |

कुछ भी कर सकता हूँ ,

टमाटर से पीछे न रहूँगा ||

 

नीरू शर्मा

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बहुत ही बढ़िया 👏👏👌🏻👌🏻

8 अप्रैल 2022

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