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रात हराम जादी होती है

3 मई 2018

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featured image ये बदन पर गालियों का लेप है / अब नहाने का वक्त हुआ एक मर्द देर रात नशे में है वो खाने की थाली को लात मारता है वो औरत को देख करता है आँखें लाल वो बच्चों को बड़ी आवाज में सो जाने का आदेश देता है बच्चों के कमरे में शांत सी हलचल है बच्चों की आँख दिवार के पार देख रही बच्चों के कान दिवार से झरती आवाज पर सिमट रहे आदमी औरत की रात है बेमतलब के नशे वाले विवाद है औरत चीख नही रहे बच्चों की ख़ातिर आदमी दाग रहा उसके हाथ दाल में ऊगली डूबा उसे पानी बता रहा ये हरामजादी ही रहेगी बता रहा रात के काले पन्ने पर घोर सन्नाटा है अदालत के सोने का समय पुलिस के सोने का समय न्याय के सोने का समय आदम के जाग की रात है सब हरामजादी औरत की छाती पर दांत गड़ाये सो रहे हैं ये कभी नही खुलने वाली नींद है ये कभी न खत्म होने वाली रात है किसी ने देह का पैसा चुकाया किसी ने हक़ रात हरामजादी औरत है तुम उसी हरामजादी के जने ........

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