राधे बिना सब लगे अधूरा
जगत लगे राधे बिना सुना
विरह की याद सताए
हजारो रानिया मुजे न भाए
गोकुल की कुंज गली में
वृंदावन के रास में
ढूढे अखियां मेरी तुजे ओ राधे
अब जब तक है स्वास
तब तक है मन मे विश्वास
तुम बिन ओर कोई नई होगी
अब हमारे दिल के पास
4 सितम्बर 2021