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Mai teacher hu aur singing and writing meri hoby hai.

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दर्द

15 सितम्बर 2021
7
0

<div>हाथ मे चुभती सुई सिरिंज का </div><div>दर्द जब सेहेन नहीं हुवा</div><div>तब दिल ने कहा&nbsp

पेड कविता. (मेरी ये कविता अपने घर के बुजुर्ग लोगोंके लिये है.जो हमे छॉंव देते है.लेकीन एक वक्त ऐसा आता है की वो हमे बोझ लागते है.हम सबको वक्त देते है.बेजान मोबाईल मे इस तरह खो जाते है,की जिन्होने हमे बडा किया,उन्ही से बात करना छोड देते है.उनके सुख दुःख पुछना भुल जाते है.उन्हे भी तो हमारे प्यार की जरुरत होती है.ये पेड की उपमा मैने घर के ही बुजुर्ग लोगोंको दी है.

8 सितम्बर 2021
13
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<div>यू तो देखा है हर किसी ने पेडों को</div><div><br></div><div> प्यार से सबको अपनी छॉंव

क्या तुम्हे मेरी याद आती है

4 सितम्बर 2021
10
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<div>तेज हवा की सरसराहट से जब</div><div>पेड से पत्ते गिरते है.........</div><div><span style="font-s

कमी कविता

4 सितम्बर 2021
7
2

<div>कमी मुझे बस ईतनीसी है</div><div><br></div><div>की मुझमे कोई कमी नहीं है....</div><div><br></div

पता नही

4 सितम्बर 2021
6
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<div>पता नहीं वो कैसे लोग थे</div><div>किसीने की हुई एक मदद के लिये</div><div>जनमभर क्रुतज्ञ रहते थे

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