गन्तन्त्र दिवस की ्सुभकामनाये
सोचता हूँ क्या दे पाउँगा जो मैंने पाया है इस देश से
क्या मैं कभी चुका पाउँगा जो मैंने पाया है इस देश से ||
फेलाना है मुझे देश सम्मान की भावना
शायद इस तरह नज़र मिला पाऊं इस देश से ||
खोया है हर नागरीक जाने किस होड़ मैं
दिलाना है याद उसे इस देश की ||
मौका है गडतंत्र दिवस
मिल के सुंदरता बढ़ाना है इस देश