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नगर के बस स्टेशन पर एक अधेड़ उम्र महिला बदहबास घबराई हुई सामने आ गयी ,रुंधे गले से बोली दद्दा ,मै बस के इंतज़ार में खड़ी थी अचानक एक आदमी भागता हुआ आया और मेरा बैग छीन कर भाग गया .मेरे पैसे कपडे
किरायेदार मालिक मकान से , आइए साब ,मुंह मीठा करते हैं. ऐसा कहते हुए एक बड़े से गिलास में दूध और एक प्लेट में बर्फी उनके सामने सजा दी . मकान मालिक ने कहा कि मैं तो तुम्हे हर बात के लिए परेशान
कहते हैं पैसे के पीछे नही भागना चाहिए ,लेकिन देखो तो जो अभी कह रहे थे उनका क्या हाल है . आपको पता लगेगा कि वो रेस मे सबसे आगे हैं . कहते हैं न कि परउपदेश कुशल बहुतेरे . लेकिन पैसा जीवन की सच्च
विश्वामित्र : ओ हरिश्चंद्र ! तू मेरी दक्षिणा कब देगा हरिश्चंद्र ; अगले महीने ,महाराज . विश्वामित्र : तू ने पिछले महीने भी यही कहा था . हरिश्चंद्र : मैं अपने वचन पर अडिग हूँ ,