रंगों का भी क्या मिजाज है....
हर पल यह बदल जाता है....
कुछ पल सुनहरा दर्शाता है...
तो कुछ पल फीका कर जाता है....
कुछ गाड़े रंग है, जिंदगी जिससे खोना नही चाहती...
कुछ ऐसी ही फीकी उमंग है जो जिंदगी मैं चाहकर भी होना नही चाहती...
कुछ अनदेखे रंग ह,ै जो आंखों से ओझल रहते है....
कुछ जाने पचाने रंग है ,जो हरपल आँखों में खोए रहते है....
कुछ सतरंगी रंग है, जो जिंदगी को रंग बिरंगी बनाता है....
तो कही काले रंग है, जो जिंदगी को बेरंग कर जाता है....
कुछ अतरंगी रंग है, जो शब्दो में मिठास घोल जाता है...
कुछ अटपटे रंग है, जो यादें में खोया रहता है.....
हर रंग, हर लम्हा अजीब है...
कभी रंगीन तो कभी गमगीन है...
कभी हरा तो कभी लाल है...
जिंदगी इन रंगों की तरह ही... खुशाल है....