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रचना -- आपबीती

27 अगस्त 2024

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 दूसरों की खुशियों को 
ना रखो ताक में ,,,,,
एक दिन खुद जल जाओगे 
अपनी लगाई आग में .

🙏🌹♥️♥️🌹🙏

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जज़्बा है जज़्बात है 
औऱ नेक ख़्यालात है,,,,
याद रखें जाएंगे आप 
ज़ब तक ये कायनात है .

🙏🌹♥️♥️🌹🙏

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