रील लाइफ में
एक शो आता हैं अनोखी और शौर्य की कहानी जिसमें अनोखी पढ़ना चाहती हैं पंरतु उसके पिता उसे सपोर्ट नहीं करते क्युकी वो एक लड़की हैं , पर उसकी मेम उसे सपोर्ट करती हैं और उसे कॉलेज में प्रवेश मिल जाता हैं,
अब बात करते हैं रीयल लाइफ की
अक्सर देखने में आता हैं कि कुछ घरों में बेटियां होती हैं तो उसके परिजन मुंह फुला के बैठ जाते हैं और उसमें उसकी दादी जो को ख़ुद एक औरत होते हुए भी ऐसा करती हैं,
हम 21वी सदी में रहते हैं क्या यहां एक लड़की को पढ़ने का या अपने सपने पूरे का हक नहीं ?
स्वयं विचार कीजिएगा