आज बात पहले रियल लाइफ की करते है , आज के न्यूज़ पेपर में आया था कि एक पिता अपने बेटे के गम को बर्दाश्त नहीं कर सका इसलिए वह अपने परिवार के साथ आत्महत्या कर लेता हैं , हम मानते हैं कि किसी मौत का गम इतना होता कि इंसान अपना सुध - बुद्ध खो बैठता हैं लेकिन क्या उसे ये सब करना चाहिए था , जबकि उनकी दो बेटियाँ और थी और उनके बूढ़े माता - पिता भी थे |
अब बात अगर मैं करू रील लाइफ की तो उसमे लोग अपनों के ख़िलाफ़ ही षड्यंत्र रचते हैं , उन्हें मौत के घाट उतार देते हैं जैसे नमक इश्क़ का वाला सीरियल |
" स्वयं विचार कीजियेगा "