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रोशनी एक बहादुर लड़की ।भाग 15।

3 सितम्बर 2023

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रात होती है पूरे बच्चे सो रहे होते हैं और सोते वक्त ही सोचते हैं रोशनी दीदी ने कहा था पूरे गांव को अच्छी तरीके से दिखाएंगे अभी तो हम लोग कल के ही आए हैं लेकिन आज वह जाने की बात कर रही थी आखिर ऐसा क्यों उनमें से कुछ यह भी सोच रहे थे हम लोग कुछ भी करेंगे रोशनी दीदी को मना ही लेंगे पर हम लोग यह गांव देखेंगे यहां कितनी अच्छी हवाएं हैं कितने अच्छे बगीचे हैं बगीचे में अच्छे-अच्छे फूल खिले हैं और हां बगीची में झूला भी लगा है उसे अभी हम लोग झूलेगे और गांव में वह पोखरी में हम लोग मछलियां देखेंगे दीदी ने कहा था यह सब दिखाएंगे लेकिन क्यों हम लोग को ले जाना चाहती हैं रोशनी सोचती है कैसे भी करके सवेरा हो और हम लोग यहां से चले जाएं क्योंकि इस गांव की दशा ज्यादा अच्छी नहीं है इस गांव की प्रकृति तो खूबसूरत है लेकिन इस गांव क पुरुष लोगों की नियत अच्छी नहीं है यहां महिलाओं की जिंदगी अच्छी नहीं है यहां पुरुष लोग उन पर अपना हक जमाते हैं आज के जमाने की होके भी पुरुष  और औरत में फर्क करते हैं उनके हक का अधिकार और सम्मान उन्हें नहीं देते कितना नीचे सोचते हैं इस गांव में हम लोग ज्यादा देर तक नहीं रहेंगे हम लोग को यहां से जाना ही चाहिए अगली सुबह रोशनी जाने का पूरी तरीके से फैसला कर लेती है रात बीती है सुबह होती है सारे समान को रोशनी पैक करती है नृत्य कॉलेज की बच्ची भी अपनी सामानों को बांधते हैं और जाने को तैयार होते हैं जैसे ही वह जाने के लिए घर से बाहर कदम रखते हैं तभी दिव्या आती है और कहती है रोशनी दीदी जब आप आई थी तो हमारे मन में एक उम्मीद जगी थी लेकिन जैसे ही आप जा रहे हैं लग रहा है मेरी उम्मीद भी जा रही है मुझे लगा था आप आई है तो मेरा सपना पूरा होगा मैं पढ़ने के लिए शहर जाऊंगी मैं अच्छी डांसर बनूंगी इतना ही नहीं इस गांव की जो हालात है वह अभी सुधर जाएगी महिलाओं की हालत ऐसी नहीं रहेगी उन्हें भी उनका हक और सम्मान मिलेगा उन्हें सिर्फ इतना ही नहीं समझा जाएगा कि उनका काम सिर्फ चूल्हा चौका करना मात्र ही है बल्कि वह भी पुरुषों की तरह सारे काम कर सकती हैं जैसे कि हर जगह की औरत करती हैं  लेकिन आप तो मेरी उम्मीदों को तोड़ की जा रही है रोशनी दीदी आप इतनी समझदार है फिर भी इन गांव वालों को उनकी हालत पर कैसे छोड़ कर जा सकती है इस गांव की सारी औरतें और लड़कियां लंगडी हो चुकी है बहरी हो चुकी है और गूंगी भी हो चुकी है कृपया करके आप इन्हें चला दीजिए और इनमें अपने हक के लिए लड़ने की ताकत जग दीजिए इस गांव की हालत को आप बदल दीजिए ऐसा सिर्फ आप ही कर सकती हैं मैं सिर्फ अपने लिए नहीं कह रही हूं दीदी बल्कि मुझे इस गांव की यह हालत अच्छी नहीं जाती इस गांव में मेरी तरह न जाने कितनी बच्चियों हैं जो शहर जाकर पढ़ना चाहती हैं और उनसे इस ख्वाब है अपने ख्वाब को पूरा करने की समझ और हिम्मत दोनों रखती हैं पर अपने परिवार वालों से लड़ने की ताकत नहीं है उनमें उनकी ख्वाबों को उड़ान दे दीजिए कुछ दिन के लिए रुक जाइए दीदी अभी मत जाइए इस गांव को आप जैसी लड़की की जरूरत है बच्चे भी कहते हैं रुक जाइए ना दीदी वैसे भी आपने हमेशा से लोगों के साथ अच्छा किया है लोगों के लिए जिया है इस बार दिव्या की बात मानकर इस गांव की हालत सुधारने के लिए कुछ देर यहीं ठहर जाते हैं वाकई इस गांव को गांव की औरतों की हालत को बदलने की जरूरत है तभी पल्लवी कहती है मुझे पूरा यकीन है रोशनी दी  आप इस गांव की औरतों के हालात को सुधार देंगी दिव्या भी पढ़ने के लिए शहर जा सकेगी इसके भी सपने पूरे होंगे जैसे अंधे होने की बावजूद भी मुझे दोबारा से आंखें आपने दे दी है ठीक उसी प्रकार दिव्या की सपने को भी पूरा करने में आप जरूर कामयाब होगी यह मेरा यकीन है रोशनी कहती है ठीक है तुम लोग का इतना मन है और कहते हो तुम मैं इस गांव की औरतों के लिए उनके हालात को सुधारने के लिए हर संभव प्रयास करूंगी और हां दिव्या अब जरूर शहर पढ़ने के लिए जाएगी और वह एक अच्छी डांसर भी बनेगी यह कहते हुए रोशनी प्यार से दिव्या के सर पर हाथ फेरते हुए कहती है तुम्हारा सपना अब जरूर पूरा होगा कृपया इतनी में दिव्या की मां आती है और कहती है आप हमारी बेटी को इतनी ऊंचे ख्वाब मत दिखाइए जब इसके सपना आप पूरा कर ही नहीं सकती तो इतने झूठे वादे से क्यों कर रही हैं आपने सोचा है जब इसका सपना टूटेगा तो इसे कैसा लगेगा यह पूरी तरीके से टूट जाएगी आप कुछ नहीं कर सकती मैंने बहुत लोगों को देखा है वह लोग तो इसी गांव में रहती थी जब उन्होंने अपनी बेटियों को शहर पढ़ने की बात कही तो उन्हें गांव से निकाल दिया गया कुछ को गांव में ही कैद करके रख दिया गया है उनके साथ तो जानवरों जैसा बर्ताव किया जाता है एक दिन का खाना उन्हें दिया जाता है तो दूसरे दिन भूखे ही रख दिया जाता है फिर भला आप कैसे कर पाएंगे रोशनी रहती है अगर आपका साथ मिले तो इस गांव की हर औरतों का हालात बेहतर होगा दिव्या की मां बार-बार मना करती है और कहती है कृपया करके आप यहां से चली जाए यहां रहने से ना आपका भला हो सकता है ना इन बच्चों का ना हम औरतों का ना हमारी दिव्या का रोशनी उन्हें समझता है और कहती है किसी ने किसी को तो आगे आना ही होगा आखिर कब तक इस तरह से डर कर आप लोग अपनी जिंदगी को यूं ही बर्बाद करती रहेगी कब तक चूल्हे चौके तक सिमट की रहेगी कब तक अपनी योग्यता को इस तरह चपाती रहेगी एक बार आप कम तो बढ़ाएं कामयाबी आपको जरूर मिलेगी दिव्या की मां चलती भी कहती है बड़ी आई है कामयाबी दिलाने वाली एक बार में आपको बात समझ में नहीं आती मैंने कह दिया न आप कुछ नहीं कर सकती क्यों पड़ रही है फालतू इन झमेले में इन चमेली में पढ़ने से आपका बहुत नुकसान होगा मैं नहीं चाहती कि आपका नुकसान हो इस गांव के सरपंच को आप नहीं जानती वह कितना निर्दई है रोशनी रहती है मुझे खुशी हुई इस बात की की आपको हमारी चिंता है वैसे भी हमारी कोई बड़ी बहन नहीं है क्या आप हमारी बड़ी बहन बनेगी दिव्या की मां कहती है ठीक है मैं तुम्हारी बड़ी बहन बनूंगी रोशनी रहती है अब इस गांव का हालात हम दो बहनें मिलकर सुधरेंगे सुधारेंगी ना आप अपने लिए ना सही गांव की सारी औरतों के लिए उन बच्चों के लिए जो भविष्य में कुछ करना चाहती हैं अरुण बच्चों के लिए ना सही तो अपनी दिव्या के लिए दिव्या की मां रोशनी की बात मान जाती है और कहती है मैं हर शंभू प्रयास करूंगी और अपनी इस हालत को जरूर छुटकारा पाऊंगा हमारी दिव्या जरूर शेयर पढ़नी जाएगी और वह एक अच्छी डांसर भी बनेगी यह उसकी मां का वादा है दिव्या की मां वादा तो कर लेती है लेकिन फिर सोचती है इस माता को पूरा करने के लिए मुझे अपनों से ही बगावत करनी होगी मैं जिस चीज से बगावत करूंगी वह सारे मेरे अपने ही होंगे लेकिन कोई नहीं अपनी दिव्या की सपने को पूरा करने के लिए इस गांव के औरतों को उनका हक दिलाने के लिए यह बगावत भी मुझे करना पड़े तो मैं करूंगी यह सोचकर वह रोशनी से हाथ मिलाती है और कहती है हम दो बहनें मिलकर इस गांव के औरतों की स्थिति में जरूर सुधार लेंगे आज से हमारा मिशन शुरू
 क्रमशः

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रचनाएँ
रौशनी इक बहादुर लड़की
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यह कहानी पुरी तरह काल्पनिक है अगर यह कहानी किसी व्यक्ति विशेष जाती समुदाय से मिलती है तो यह मात्र एक संयोग होगा मुझे विश्वास है कि यह कहानी आप लोगों Pको उतनी ही पसंद आएगी जितनी की बाकी की कहानियां पसंद आती है यह कहानी है एक लड़की की जो मध्यम वर्गी परिवार से संबंधित है बचपन में ही उसके पिता को अपाहिज हो जाने के कारण पूरे घर की जिम्मेदारी उसके कंधों के आ जाती है और वह अपनी सूझबूझ से और कठिन परिश्रम करके अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करती है
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नारी का साहस

16 अगस्त 2023
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हमेशा हंसती मुस्कुराती मासूम सी बड़ी चंचल एक प्यारी लड़की जिसका नाम है रोशनी कपड़े की दुकान में काम करती है महीने का 9000 तनख्वाह मिलता है और बड़ी ईमानदारी से वह अपने काम को करती है इस तनख्वाह के साथ

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रोशनी इक बहादुर लड़की ।भाग 2 ‌।

21 अगस्त 2023
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अतः रोशनी बहुत उदास होती है लेकिन वह कहती है कि मेरे परिवार वाले एक दिन मुझसे जरूर मिलेंगे मैं उन्हें ढूंढ लूंगी कहीं भी हो मैं उन्हें जरूर ढूंढ दूंगी केशव चाचा भी कहते हैं हिम्मत रखो रोशनी

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रोशनी एक बहादुर लड़की ।भाग 3।

21 अगस्त 2023
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रोशनी को इस बात की खुशी है कि उसके परिवार वाले मिल गए लेकिन इस बात का इतना ही दुख है कि रिंकी की यह हालत है और आलोक कभी घर नहीं लौटा वह अपने परिवार वालों से मिलने का निश्चय करती है और कहती है रिंकी तू

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रोशनी इक बहादुर लड़की । भाग 4 ।

24 अगस्त 2023
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रोशनी की मां भावुक हो जाती है रोशनी की आंखों में भी खुशी के आंसू आ जाते हैं सुमन रोशनी को गले से लगा लेती है रोशनी बचपन से ही सुमन के गले लगे को तड़प रही होती है यह सब देखकर

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रोशनी इक बहादुर लड़की ।भाग 5।

24 अगस्त 2023
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ढूंढते ढूंढते रोशनी एक दिन अहमदाबाद पहुंच जाती है अहमदाबाद की एक स्टील कंपनी में उसका भाई काम कर रहा होता है अब वह अपने भाई आलोक को देखती हैं और दौड़ते दौड़ते उसके पास जाती है पूछती है भाई तू कैस

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रोशनी इक बहादुर लड़की ।भाग 6।

25 अगस्त 2023
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बड़े दिनों बाद मोहनदास और सुमन के घर में खुशियां आई है लेकिन इस खुशी के मौके पर भी मोहनदास पुरी तरीके से खुश नहीं है क्योंकि वह जानते हैं रोशनी स्वाभिमानी लड़की है जैसे ही घर की हालात में सुधार आ

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रोशनी इक बहादुर लड़की भाग 7

25 अगस्त 2023
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रोशनी जब साम को घर आती है और वहां रिंकी को न देख मां से पुछती है मां रिंकी कहा है मा कहती है रिंकी अपने घर गरी है रोशनी पुछती है मां आपने उसे रोका नहीं आपको उसे रोकना चाहिए था मां वह मुसिबत

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रोशनी बहादुर लड़की। भाग 8।

26 अगस्त 2023
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तभी अचानक नृत्य कॉलेज से फोन आता है कल्पना घबराई हुई आवाज में रोशनी तुम कहां हो तुम जल्दी से कॉलेज आ जाओ यहां एक बड़ी दुर्घटना हो गई है सड़क दुर्घटना में पल्लवी की आंखें चली गई है उसे हमने अस्पता

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रोशनी इक बहादुर लड़की ।भाग 9।

26 अगस्त 2023
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कल्पना और सभी छात्रों के लिए गौरव की बात होती है सब बहुत खुश होते हैं सबसे बड़ी बात रोशनी कोमा से बाहर आ गई होती है और दूसरी बड़ी बात कॉलेज जीत चुका होता है सब खुश होते हैं चाची बहुत ज्यादा खुश होती ह

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रोशनी इक बहादुर लड़की ।भाग 10।

27 अगस्त 2023
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परी बिल्कुल रोशनी पर गई थी अब ज्यादातर समय रोशनी का परी के साथ बितने लगा परी को पकड़ रोशनी बहुत खुश थी रोशनी को नहलाना खिलाना उसके साथ खुद खेलने घर की सारी कम और नृत्य कॉलेज सब रोशनी बहुत अच्छे से संभ

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रोशनी इक बहादुर लड़की ।भाग 11।

28 अगस्त 2023
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अगले दिन सुबह होते ही परी सबसे पहले उठ कर दैनिक किरिया कलाप कर मेला जाने के लिए तैयार हो गई वह दादी के पास जाती है उन्हें उनके कपड़े तो कभी चप्पल देते हुए कहती हैं आप लोग कितने धिरे काम करते हो

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रोशनी इक बहादुर लड़की भाग। 12।

29 अगस्त 2023
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इधर परी भी कुछ दिन रोती बिलखती है अपने घर जाने के लिए लेकिन धिरे धिरे वह अपने घर वालों को भुलाने लगती है उस दस साल के बच्चे ने हर सम्भव प्रयास किया परी को उसके घर वाले से मिलाने में ललेकिन अब व ह

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रोशनी एक बहादुर लड़की। । भाग 13।

29 अगस्त 2023
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रोशनी हर दिन की भांति आज भी घर का पूरा काम करके अपने परी को ढूंढने इस मेले वाले स्थान पर जाती है और जाते वक्त उसने रास्ते में एक औरत को देखा वह औरत रेल की पटरी पर खड़ी थी रेल की पटरी पर खड़े होकर वह अ

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रोशनी इक बहादुर लड़की ।भाग 14।

3 सितम्बर 2023
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रोशनी नृत्य कॉलेज के कुछ बच्चों के साथ घुमने के लिए इक गांव में जाती है सारे बच्चे बड़े उत्सुकता से ग्रामीण क्षेत्रों को देख रहे थे क्योंकि नृत्य कॉलेज शहर में स्थित था तो ज्यादातर बच्चे शहर के ही थे

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रोशनी एक बहादुर लड़की ।भाग 15।

3 सितम्बर 2023
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रात होती है पूरे बच्चे सो रहे होते हैं और सोते वक्त ही सोचते हैं रोशनी दीदी ने कहा था पूरे गांव को अच्छी तरीके से दिखाएंगे अभी तो हम लोग कल के ही आए हैं लेकिन आज वह जाने की बात कर रही थी आखिर ऐसा क्यो

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रोशनी एक बहादुर लड़की ।भाग 16।

4 सितम्बर 2023
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दिव्या की मां जिनका नाम मंजरी है मंजरी और रोशनी दोनों मिलकर गांव की औरतों की स्थिति सुधारने के लिए पहला कदम बढ़ा देती है यह देखकर दिव्या और बाकी बच्चे काफी खुश होते हैं अब दिव्या को पूरी तरीके से विश्

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रोशनी इक बहादुर लड़की ।भाग 17।

4 सितम्बर 2023
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सरपंच हर पल कोई न कोई परेशानी रोशनी के लिए खड़ा करता ही रहता है लेकिन हर बार रोशनी अपनी बहादुरी से हर समस्या का समाधान निकाल कर बड़ी होशियारी से वह इस लड़ाई को जारी रखती है रोशनी खुल्लम-खुल्ला सरपंच क

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रोशनी इक बहादुर लड़की ।भाग 18।

5 सितम्बर 2023
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अब दिव्या अपने गांव से बहुत दूर शहर आ चुकी है रोशनी के साथ रोशनी की नृत्य कॉलेज में उसका दाखिला हो जाता है वह पूरी दिलो जान से नृत्य सीखने लगती है रोशनी उसका बहुत ख्याल रखती है वह भी रोशनी से बहुत प्य

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रोशनी एक बहादुर लड़की ।भाग 19।

5 सितम्बर 2023
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परी की बर्थडे के बाद रोशनी अखबार में एक खबर छपवाती है इस खबर में लिखा होता है गरीब बच्चों को निशुल्क केशव नृत्य कॉलेज में नृत्य सिखाया जाएगा यह खबर परी भी पढती है जब शाम को उसका भाई संघर्ष घर आता है त

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रोशनी इक बहादुर लड़की ।भाग 20।

5 सितम्बर 2023
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घर जाती है और अपने पर्स में अपनी परी की तस्वीर नहीं पाती है तो वह बेचैन हो जाती है वह पूरे घर में ढुढती है पर वह तस्वीर कहीं नहीं मिलती है तो वह प्रमोद से पुछती है क्या आपने मेरे पर्स से परी की तस्वीर

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रोशनी एक बहादुर लड़की । भाग 21।

6 सितम्बर 2023
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परी रोशनी का फोन लेकर अपनी संघर्ष भैया से बात करती है कहती है भैया आपको पता है इस कॉलेज की टीचर बहुत अच्छी है उन्होंने मुझे घूमने के लिए बाजार ले आई है मेरे लिए ढेर सारे खिलौने खरीदी मेरे लिए नए

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रोशनी इक बहादुर लड़की ।भाग 22।

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कई दिनों से कॉलेज में परी को ना देख रोशनी उससे मिलने उनके घर जाती है लेकिन जब रोशनी परी के घर जाती है तो परी रोशनी से बात ही नहीं करती है परी कहती है मेरे भैया ने आपसे बात करने के लिए मना किया है इसलि

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