रोशनी को इस बात की खुशी है कि उसके परिवार वाले मिल गए लेकिन इस बात का इतना ही दुख है कि रिंकी की यह हालत है और आलोक कभी घर नहीं लौटा वह अपने परिवार वालों से मिलने का निश्चय करती है और कहती है रिंकी तू ले चल मुझे घर मैं पापा से मिलना चाहता हूं
देखना चाहती हूं मां कैसी है मुझे मां से मिलना है रिंकी तो मुझे ले चलेगी ना रिंकी हां कहती है
कहती हां दीदी मैं आपको घर अवश्य ले जाऊंगी देखना मां को अपनी गलती पर पछताप होगा
और वह आपको गले से लगा लेंगे रोशनी बहुत खुश होती है
और सगाई कंप्लीट होने के बाद वह रिंकी के साथ अपने घर जाती है उसे देखकर उसके पिता की आंखों में खुशी के आंसू आ जाते हैं और वह गले से लग जाते हैं घंटे बातें करती है और फिर पूछती है पापा मां कहाँ है मैं उनसे मिलना चाहती हूं
वह ठीक तो है ना क्या मुझे वह कभी याद करती हैं
पापा कहते हैं की मां तुम्हारी अभी नहीं है
लेकिन रिंकी रहती है पापा बहकाईए मत दीदी को मां से एक बार मिल लेने दीजिए ना
अंत में रिंकी के पापा सुमन को बुलाते हैं सुमन आती है रोशनी को देखकर अचंभित रह जाती है और वह मुंह फेर लेती है रोशनी करती है मां प्लीज एक बार मुझसे बात कर लो ना बहुत दिन बाद आई हूं क्या मुझे आप गले नहीं लगाएंगे मैं आपकी बड़ी बेटी हूं मां एक बार मुझे गले लगा लीजिए
रोशनी की मां कहती है अब क्या लेने आई है बहुत पहले ही मैंने तुझे इस घर से निकाल दिया तू कैसी लड़की है फिर क्यों आई है क्यों हमारी जिंदगी को बर्बाद करना चाहती है चली जा यहां से मैं जैसी भी हूं ठीक हूं अपने आप पर हमें छोड़ दे
हमारी चिंता करने की जरूरत तुझे नहीं है हम जी लेंगे मैं तुम्हारी रहम पर नहीं पालना चाहती मुझे तुम्हारी शक्ल भी नहीं देखनी है चली जाओ
रिंकी रहती है मान भी जाओ ना मां रोशनी दीदी कितनी उदार है समझो आपके इस रुखेपन में भी वह आपका प्यार ढूंढ रही है उन्हें प्यार से गले लगा लीजिए ना मां आखिर रोशनी दीदी भी तो आपकी बेटी ही है सौतेली ही सही जितना प्यार आप मुझे करते हैं उतना रोशनी दीदी से भी कर लो ना
रोशनी कहती है प्लीज मां मुझे एक बार गले से लगा ले तेरी गले लगने के लिए मैं कब से तड़प रही हूं
उसकी मां तंज कसते हुए कहती हैं जब तू अपनी सगाई कर रही थी तब हमारी याद नहीं आई
रोशनी करती है मां मैं आप लोगों को बहुत खोजा पुराने वाले घर पर भी गई थी लेकिन आपका पता नहीं था मैंने अखबार में इकतेहार भी दिया है फिर भी कोई जवाब नहीं आया मा
आप ऐसा सोच भी कैसी सकती हैं मैं आप लोगों के बगैर अपनी शादी कैसे कर लूंगी मुझे पता है मेरे पापा को बहुत अरमान थे मेरी शादी को लेकर वह तो केशव चाचा के कहने पर मैंने आधे मन से हामी भर दी
थी लेकिन खुदा की मर्जी देखो वह भी चाहते थे कि आप लोग हमारी शादी में जरूर शामिल हो इसलिए वह हमें आप लोगों से मिला दिए बहुत-बहुत शुक्रगुजार रहूंगी मैं उस खुदा की
प्लीज मां और मुझे गले लगा ले मां मैं तेरी घर मे रहूंगी नहीं तुझसे कुछ नहीं चाहिए बस थोड़ा सा ममता दे दो मैं सब कुछ छोड़ कर फिर से चली जाऊंगी तुझे डरने की जरूरत नहीं है मां मैं कुछ लेने नहीं आई हूं बस तेरा प्यार पाने आई हूं अपना प्यार मुझे दे देगी तो मैं धन्य हो जाऊंगी आखिर मैं तुम्हारी बेटी हूं मैं मैंने तुझे कभी अपनी सौतेली मां नहीं समझा तू भी मुझे अपनी सगी बेटी समझ मुझे गले लगा ले रोशनी बार-बार कहती है
अपनी मां से
रोशनी की मां सुमन उसे गले से लगा लेती है और कहती है मुझे माफ कर दे बेटी मैं तुझ जैसी बेटी को समझ नहीं सकी तुझ पर जुल्म किया हमेशा तुझ में और अपने बच्चों में भेदभाव किया और तू कितनी उदार है यह बात मुझे तेरे जाने के बाद ही पता चल गई थी लेकिन किस मुंह से तुझे ढूंढती मेरा अपना जमीर मुझे दिखा रहा था
मैं कब से तुझे गले लगाना चाहती थी पर मैं सोचती थी क्या तुम मुझे माफ करेगी इतना बुरा व्यवहार मैंने तुम्हारे साथ किया है इतने बुरे व्यवहार पर तो कोई किसी को माफ नहीं करता फिर तू भी तो एक लड़की है ना तो कैसे माफ कर सकती थी बस यही सोच कि मैंने कभी तुझसे मिलने की कोशिश नहीं की अखबार में इकतेहार भी था फिर भी मैंने तुझस कांटेक्ट करने की कोशिश नहीं की और ना ही तुम्हारे पिताजी को बताया
क्रमशः