इधर परी भी कुछ दिन रोती बिलखती है अपने घर जाने के लिए लेकिन धिरे धिरे वह अपने घर वालों को भुलाने लगती है
उस दस साल के बच्चे ने हर सम्भव प्रयास किया परी को उसके घर वाले से मिलाने में ललेकिन अब व हार चुका था परी को अपनी बहन की तरह पालने लगा उस गुब्बारे वाले बच्चे का नाम संघर्ष था संघर्ष अनाथ था बचपन में ही उसकी मां क्षय रोगी से ग्रसित होकर परलोक सिधार गई और पिता को किसी ने अपने खिलाफ गवाही देने पर जान से मार दिया था तब से संघर्ष अकेले था लेकिन अब संघर्ष को उसकी बहन मील गई थी परी संघर्ष रोज सुबह जल्दी उठकर स्नान करके खाना पकाकर परी को खिलाकर गुब्बारा बेचने जाता था दिन भर को गुब्बारा भेजता था शाम को करता था और परी के साथ उसे अच्छा लगने लगा था परी को भी बहुत अच्छा लग रहा था संघर्ष इतना छोटा होते हुए भी परी का बहुत ध्यान रखता था बड़ी भी उसके साथ बहुत खुश रहती थी अब तो संघर्ष परी का एडमिशन भी किसी स्कूल में करवा दिया था परी रोज पढ़ने जाती थी संघर्ष शाम को उसके स्कूल से लाने जाता था उसके कपड़े धोता था उसे खाना खिलाता था उसकी पूरा ध्यान रखता था अब तो परी संघर्ष की पूरी दुनिया हो गई संघर्ष जब गुब्बारे बेच कर घर आता था तो परी के साथ खेल ता था एक बार परी की तबीयत खराब हो गई संघर्ष डॉक्टर के पास जाता है डॉक्टर साहब बताते परी को बुखार है बुखार वह घबरा जाता है और कुछ दवा डॉक्टर लिखते हैं लेकिन संघर्ष के पास कितने पैसे नहीं होते
वहां पर उपस्थित सभी लोगों से संघर्ष पैसे मांगता है कहता है मेरे परी की तबीयत खराब है आप लोग पैसे दे दीजिए मैं गुबबारे बेच के आऊंगा तो आपके पैसे वापस कर दुंगा मुझे अभी पैसे की जरूरत है लेकिन उसकी मदद कोई नहीं करता संघर्ष एक मेडिकल की दुकान पर जाता है मेडिकल वाले भैया से कहता है मेडिकल वाले भैया मेरी बहन परी की तबीयत बहुत खराब है वह जो दवा रखी है वह मुझे दे दो मेडिकल वाले भैया वह दवा दे देते हैं और कहते हैं 469 रुपए दे दो लेकिन संघर्ष के पास पैसे नहीं होते हैं वह कहता है अभी नहीं है भैया मैं कल दे दूंगा जब गुब्बारे बेच के आऊंगा मैं आपकी पूरी पैसे चुका दूंगा मेडिकल वाला उसके हाथ से दवा छोड़ कर रख देता है और कहता है क्या जब पैसे लेकर आना तभी दवा ले जाना संघर्ष बार-बार अनूरोध करता है भैया मेरी बहन की तबीयत खराब है मैं कह रहा हूं ना कि मैं आपकी पूरी पैसे चुका दूंगा फिर आप मेरी बात क्यों नहीं समझ रहे हैं मेरी बहन मार रही है भैया यह दवा दे देंगे तो उसकी जान बच जाएगी इंसानियत की नाते आप मेरी बात समझिए उसे मेडिकल वाली को गुस्सा आ जाती है और वह संघर्ष को धक्का दे देता है उसे संघर्ष गिर जाता है और गिरकर वह लड़की से उठता है और वह दवा लेकर भाग जाता है मेडिकल वाला उसके पीछे दौड़ता है लेकिन उसे पकड़ नहीं पता है और पर लौट आता है अपने मेडिकल पर संघर्ष हुआ तवा लेकर भगति भी डॉक्टर के पास जाता है दवा डॉक्टर को देखकर कहता है डॉक्टर अंकल दीजिए यह दवा और मेरी बहन को जल्दी से ठीक कर दीजिए डॉक्टर वह दवा परी को लगाते हैं शाम तक परी ठीक हो जाती है संघर्ष परी को लेकर घर आता है उसकी देखभाल करता है रात भर उसके सर पर पट्टी करता है उसकी दवा देता है और उसका ख्याल रखना है पूरी रात संघर्ष जाग रहा होता है अगली सुबह परी की हालत में सुधार देखकर वह कहता है परी मै गुबबर बेचने जा रहा हूं तुम घर में रहना अपना ख्याल रखना और दोपहर में खाना भी खा लेना यह कहकर वह गुबबारे बेचने चला जाता है शाम को लौट के आता है दुआ दौड़ता हुआ उसे मेडिकल वाली दुकान पर जाता है और उसकी 469 रुपए देकर कहता है बहुत-बहुत धन्यवाद भैया आपको पता है मेरी बहन की तबीयत ठीक हो गई यह लीजिए आपके पैसे आज मैंने पूरा की जान लगाकर गुब्बारा बेचा अच्छी खासी कमाई भी होगी और आपकी पूरे पैसे ले लीजिए मेडिकल वाले की आंखों में आंसू आ जाता है और वह संघर्थ का पीठ थपथपाते हुए कहता है कितना ईमानदार है तू मुझे माफ कर दे मैं तुम्हारी ईमानदारी को समझ नहीं पाया तुम्हें पता है तूझ जैसे बच्चे का क्या नाम होना चाहिए संघर्ष पुछता है क्या नाम होना चाहिए मेडिकल वाला कहता है ईमानदार संघर्ष बहुत खुश होता है और उसे मेडिकल वाले का धन्यवाद करके घर आता है जब वह घर आता तो परी कहती है संघर्ष भैया आज आपने इतना देर से घर क्यों आया आपको पता है आज तो मेरी तबीयत भी खराब थी और आज मुझे अकेली घर पर अच्छा नहीं लग रहा था मैं स्कूल भी नहीं गई थी मुझे भी अपने साथ गुब्बारे बेचने ले चलो ना मैं आपके साथ गुब्बारे बेचने चलूंगी तो मुझे बहुत अच्छा लगेगा मैं आपके साथ खेल भी लूंगी संघर्ष कहता है नहीं तू पड़ेगी लिखेगी और बहुत बड़ी आदमी बनेगी अपने भाई का नाम रोशन करेगी तू परी है ना तू पड़ेगी तेरा भाई गुब्बारा बचेगा और तुझे खूब पढ़ाएगा परी कहती है ठीक है भैया संघर्ष गुब्बारा बेचकर परी को पड़ता है उसकी सारी ख्वाहिश पूरा करता है उसे किसी भी चीज की तकलीफ नहीं होने देता एक दिन परी कहती है संघर्ष भैया मेरी एक दोस्त नृत्य कॉलेज में जाती है नृत्य करने मुझे भी नृत्य सीखने का बड़ा मन है मेरा भी दाखिला करवा दो ना संघर्ष पूरी रात सोचता है कोई अच्छा सा स्कूल मिल जाए तो तुम्हारा दाखिला करवा दो वहां फीस भी अधिक होगी ना कोई नहीं परी मैं तुम्हारा दाखिला नृत्य कॉलेज में करवाऊंगा अभी सो जा
बहुत रात हो गई है कल सुबह चलेंगे संघर्ष परी से तो कह देता है उसका नाम लिखवाएगा लेकिन वह इतनी फीस कहां से लाएगा उसको पूरी रात सोच रहा होता है लेकिन वह यह भी सोच रहा है कि उसकी बहन की सारी ख्वाहिश थी वह कुछ भी हो अगर उसकी बहन को एक बड़ा आदमी बनना है वह अपना सब कुछ अपनी बहन को दे देगा बड़ी मुश्किल से एक बहन मिली है अपनी बहन की कोई भी ख्वाहिश को अधूरी नहीं छूटेगा कुछ भी करेगा दाखिला जरूर करवाइए गा सोचती सोचती संघर्ष को नींद आती है वह सो जाता है अगली सुबह-सुबह जल्दी उठना है वही रोज का काम करता है परी के लिए टिफिन बनता है उसे स्कूल छोड़ना है और फिर अपनी गुब्बारा बेचने चला जाता है लेकिन आज उसका मान गुब्बारा बेचने में नहीं लग रहा वह बार-बार अपने परी परी के लिए किसी अच्छी सी स्कूल के बारे में सोच रहा होता है और कितना शाम होती है वह घर आता है परी को स्कूल से लाने जाता है
क्रमशः