रोशनी जब साम को घर आती है और वहां रिंकी को न देख मां से पुछती है मां रिंकी कहा है
मा कहती है रिंकी अपने घर गरी है
रोशनी पुछती है मां आपने उसे रोका नहीं आपको उसे रोकना चाहिए था मां वह मुसिबत में होगी मेरा मन घबरा रहा है मैं जा रही हूं उससे मिलने
इतनइतना कहकल मां के आज्ञा से वह रोशनी के घर आती है और देखती है रोहित आराम से बैठा होता है रोहित से पुछती है रिंकी कहां है
ररोहरोहित कहता है मुझे क्या पता कहीं गरी होगी घुम्ने उसकी बहुत सहेलियां हैं ग ई होगी किसी के घर
रोशनी को गुस्सा आता है और कहती है भोले मत बनो और सच सच बताओ कहां भेजे हो हमारी बहन को पहले तो वह खुब बहकाता है आखिर में बताता है रोशनी वहां जाती है जाकर देखती है रिंकी एक रईश कके घर पोछा लगा रही होती है रोशनी रिंकी का हाथ पकड़कर अपने साथ ले कर आती है और कहती है आज से तुम यह सब ंनहींकरेगी
अब सब कुछ रोहित करेगा और हां जब तुम्हें यह तंग करेगा तो तुम मुझे बताना
कहकर रोशनी वहां से चली जाती है
रोशनी के जाने के बाद रोहित रिंकी को पिटने लगता है तभी रोशनी वहां आती है और कहती है मुझे पता था इस लिए मैं कहीं गई ही नहीं थी आज तुम्हारा असली चेहरा मेरे सामने आ गया तुम मेरी फूल जैसे बहन के साथ ऐसा कुरुर व्यवहार करते हो
रुको मैं अभी पुलिस को फोन करती हूं यह कहकर रोशनी पुलिस को फोन करती है और कुछ समय बाद पुलिस वहां आ जाती है और रोहित के हाथ में हथकड़ी लगाकर उसे जेल ले जाती है रोहित को जेल जाने की बाद रिंकी रहती है दीदी आपने यह क्या किया उसे जेल क्यों भिजवा दिया रोशनी रहती है उसके लिए यह जरूरी था देखना जब वह जेल से आएगा तब वह सुधर गया होगा लेकिन फिर भी रिंकी का दिल नहीं मानता है वह उसकी जमानत पेपर तैयार करवाती है और उसकी उसकी जमानत करवरकर उसे छुड़वाकर घर लाती है घर आने की बात रोहित को अपनी गलती का एहसास हो जाता है वह रिंकी से माफी मांगता है और अब खुशी-खुशी वह सब रहने लगते हैं रिंकी रोशनी का बहुत-बहुत धन्यवाद करती है रोहित भी रोशनी से माफी मांगता है और धन्यवाद कहता है अब रोहित किसी कंपनी में काम करने लगा है 15000 उसकी महीने की तनख्वाह है जिस घर गृहस्ती अच्छे से चल जाती है रिंकी और रोहित दोनों मिलकर अब खुशी-खुशी जीवन जी रहे होते हैं यह देखकर रोशनी को बहुत खुशी होती है रोशनी कहती है चलो एक काम हो गया मेरे रिकी को उसके हिस्से की खुशी मिल गई रोशनी की मम्मी और पापा भाई और रंजन भी सब खुश होते हैं और कहते हैं रोशनी दीदी या आपके बगैर संभव नहीं था पापा कहते हैं तू मेरी रोशनी है ना जहां जाएगी वहां उजाला जरूर लाएगी जिस दिन तू इस घर में आई उसी दिन मुझे अंदाजा हो गया था कि अब इस घर की खुशियां भी आ गई है और तुमने मेरी अंदाजी पर खरे उतर तुम बहुत बहादुर हो बेटी रोशनी एक बहादुर लड़की है रोशनी की पापा कहते हैं हसते हैं
क्रमशः