भिक्खु (भिक्षु) कौन ?
मूल पालि —धम्मपद (भिक्खुवग्गो) हत्थसंयतो पादसंयतो, वाचासंयतो संयतुत्तमो. अज्झत्तरतो समाहितो, एको सन्तुसितो तमाहु भिक्खुं. हिन्दी अर्थ —जो हाथ, पैर और वाणी में संयत है, जो उत्तम संयमी है, अपने भीतर की (सच्चाईयों को) जानने में लगा है, समाधियुक्त, एकाकी और संतुष्ट है, उसे #भिक्खु (भिक्षु) कहते हैं.___