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Saroj yadav के बारे में

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Saroj yadav की पुस्तकें

Saroj yadav के लेख

'चाँद मेरे हाथ मे'

20 अगस्त 2022
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हारती नफरत यहां परप्रेम का वो सिलसिला हैचाँद मेरे हाथ मे ,मन मे अंधेरा क्यों घुला हैपथ को आलोकित करे जोदीप जलकर रौशनी दे रात के भयभीत पथ को उजली उजली चांदनी देफिर भी उसके गिर्द इतना काल

मन मयूर

9 अगस्त 2022
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मन मयूर यूँ झूम रहा है, बरखा ऋतु आई हो जैसेवन उपवन की सब हरियाली मन पर भी छाई हो जैसे धुले हुए पत्तों ने देखो अभी अभी श्रृंगार कियागगन रीझ के सुंदरता पर इंद्रधनुष का हार दियाचंचल चपल नायिका देखो

हो ऐसा घर तो अच्छा हो

7 अगस्त 2022
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न जाने क्यों मुझे लगता है मैं हूँ भीड़ में तन्हान कोई शोर न साया, हो ऐसा घर तो अच्छा होयहां दो अजनबी रहते ,कोई दिन यूँ नहीं गुजरेअकेलापन मेरा साथी जो ऐसा हो तो अच्छा होयहां हर मोड़ पर दुख दर्द की कितनी

मेरी डायरी

6 अगस्त 2022
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1हर भ्रष्ट तंत्र कीदलदली जमीन मेंकुछ फैशनेबल शब्दफल की तरह लगते हैंलफ्फाजियों केघने पेड़ों पर######### 2वे ही विशेषज्ञ हैंजिन्हें आता हैबिना डकार लिएसबके हक कीएक ए

आज पत्रकारिता

5 अगस्त 2022
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इस समय समाचार देखते हुए कई बार अजीब सी खिन्नता होती है समाचार चैनल्स और चैनलों के एंकर स्वयं को कानून से व्यवस्था के हर धड़े से ऊपर समझते हैं । इन्हें देखने पर लगता है ये सब बेहद अंहकारी हैं ये खुद

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