इस समय समाचार देखते हुए कई बार अजीब सी खिन्नता होती है समाचार चैनल्स और चैनलों के एंकर स्वयं को कानून से व्यवस्था के हर धड़े से ऊपर समझते हैं ।
इन्हें देखने पर लगता है ये सब बेहद अंहकारी हैं ये खुद को हर विषय का विशेषज्ञ समझते हैं और बेलगाम हो गए हैं ज्यादातर एंकर मानसिक रोगी और हद दर्जे स्वार्थी हो चुके हैं किसी भी सभ्य समाज को इन्हें कतई बर्दाश्त नहीं करना चाहिए सामाजिक बहिष्कार का एक चाबुक इन्हें अपनी जल्द ही सही जगह स्थापित कर देगा।
आये दिन इनके ट्रायल लोगों को अपराधी साबित करते हैं नफरत का जहर फैलाते हैं और इनके द्वारा फैलाये झूठे अफवाह के पोल खुलने झूठ साबित होने पर भी इन्हें किसी प्रकार की शर्मिंदगी नहीं होती बल्कि ये अपने अगले शिकार की तलाश में निकल पड़ते हैं।
आज न्यूज चैनलों द्वारा दीपिका की गाड़ी का पीछा करते देखकर ब्रिटेन की राजकुमारी डायना की यादें ताजा हो गईं इसी पत्रकारिता ने असमय ही उनसे उनकी जिंदगी छीन ली ।
मनोरोगियों की तरह व्यवहार करते न्यूज चैनलों को जरूरी है समाज सबक सिखाये