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हूँ मैं खरीदार मगर चाहत कोई व्यापार नही. खुदा की नेमत है इसका कही कोई बाजार नहीं. ये तो जलवा है उनके हुस्न और अदाआे का.. इश्क हो जाए किसी को तो वो गुनाहगार नही . ये तो हम थे जो उनको चाहा और भुलाया भी.
दिल की धड़कन हो तुम तुम मेरा प्यार हो मन्नतों में था जो माँगा तुम वो वरदान हो मेरी हसरत हो तुम
ज़िंदगी ये मेरी बेवजह बन गयी उनको पाने की चाहत खता बन गयी दिल लगाना और लगा के उसे तोड़ देना ऐसी उस बेवफा की अदा बन गयी उनका हुस्न औ अदा और मेरा दीवानापन इस