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शादी का कार्ड

24 अप्रैल 2017

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विनयभारत का हास्य व्यंग्य : मेरी शादी का कार्ड बुलाता हूँ मैं उन गणपति जी को, जो करते हैं सभी का कल्‍याण! आयें गणपति हमारी इस शादी में, सभी देवों के साथ! सभी को दर्शन दे जायें गणपति, आकर के इस बार! हमारी शादी का तो हो जाये बहाना, शादी में आने वालों का हो जाये उद्धार! शादियों का दौर अभी चल रहा हैं इसी चलते दौर में हमने भी शादी करने का विचार किया। इस विचार के चलते कन्‍या की तलाश शुरू हुई वैसे मुझसे तो कोई शादी नहीं करती लेकिन एक सुन्‍दर कन्‍या राजी हो गई।


वैसे तो शादी करके आप सभी पछता रहे होंगे पर मुझे पता है कि आप मुझे नहीं रोकेंगे क्‍योंकि मेरी शादी का कार्ड हाथ में आते ही आप सर्वप्रथम प्रतिभोज की दिनांक और समय देखेंगे कि भोजन के लिए कहाँ और कब जाना हैं। समय का तो मेरा भारत इतना पाबन्‍द है कि चाहे कितनी ही अर्जेन्‍ट मीटिंग हो लेट पहुंचेंगे। लेकिन जहाँ खाने की बात आयी वहाँ समय से पहले पहुँचकर व्‍यवस्‍था बिगाडेंगे। भोजन खाते तो आप कम हैं और बिगाड़ते ज्‍यादा हैं, उल्‍टा सीधा एक साथ ठूँसकर पेट खराब करते हो।


फिर सीधा डॉक्‍टर के पास जाते हो, हमारा माल भी खराब हो और आपका पैसा भी खराब हो। ये सब देखते हुए मैनें प्रीतिभोज का कार्यक्रम ही लिस्‍ट से हटा दिया हैं। मेरे देश के भूखों, चिन्‍ता मत करों, भोजन तो होगा लेकिन कुछ हट के। बुफे तो होगा लेकिन बुफे में केवल पूरियाँ और दाल होगी, साथ में नमक होगा। पानी पीकर आये क्‍योंकि मैं मुख्‍यमंत्रीजी के नारे पर अमल कर रहा हूँ पानी बचाओ। कॉफी, चाय का इंतजाम नहीं हैं क्‍योंकि मैं आपके फेफड़ों का हितैषी हूँ। मिठाई में लड्‌डू होगें वो भी केवल मोतीचूर के क्‍योंकि मेरी शादी में गणेशजी देव गणों के साथ सपरिवार आ रहे हैं और गणेशजी को मोदक पसंद हैं। यदि मोदक नहीं रखा तो गणेशजी के नाराज होने पर मेरी शादी रूक सकती है। इसलिए शेष मिठाइयाँ न रखना मेरी मजबूरी है। जैक-चैक से होने वाली इस शादी को मैं तोडना नहीं चाहता।


मेरी शादी में केवल एकबार प्रीतिभोज होगा और वो भी तब जब मेरे सातों फेरे हो जायेंगे। मैं भूखा-प्‍यासा बैठकर फेरे लूँ और आप सभी खा-पीकर ;क्षमा करें पीकर तो आप घर से ही आयेंगे, मेरे लिए भी एक बिसलेरी की बोतल लेते आना घर बैठे और गर्मी हो या सर्दी मैं ही मरूँ। इसलिए फेरों के बाद सभी साथ में प्रीतिभोज करेंगे। कोई भी भोजन खाये बिना न जाये। सभी मेरी शादी में आने से पहले 151 रूपये पुत्रदान की राशि लेकर आयें क्‍योंकि दहेज कम आ रहा है। आप मुँह दिखाई की राशि में टी.वी., फ्रिज, डबलबैड, वाशिंग मशीन आदि बड़े-बड़े आईटम दे, शेष सामान बेटी वाले दे रहे हैं। बारात में सभी को चलना हैं, अपनी-अपनी गाडी करके लायें क्‍योंकि मैं भी किसी जीप से लटक कर जा रहा हूँ, मेरे भरोसे ना रहें।


शेष कार्यक्रम निम्‍न हैः- महिला संगीत- बिना डीजे के होगा मुझे ध्‍वनि प्रदूषण पसंद नहीं। चाक- चाक का कार्यक्रम सभी अपने-अपने घर पर करें। भात- सभी भारतीय औरतें हमारी माँ के समान हैं और उनके भाई हमारे मामा हैं अतः 50-60 हजार का भात लेकर सभी मामा पधारें। नोटः- बारात रात 12 बजकर 12 मिनट 12 सैकेण्‍ड पर चांदनी बीयरबार से सूरज ठेका देशी शराब व भांग तक जायेगी। विशेष अनुरोध- सभी इस कार्ड के 50 रूपये अतिरिक्‍त लेकर आये कोई डिस्‍काउन्‍ट नही। आपका अपना दूल्‍हा बल्‍लू बजेला और मेरी दुल्‍हन चम्‍पा चमेली प्रार्थी व अभिलाषी जीजा-जीजी समस्‍त बदनाम व देशभक्‍त परिवार कल्‍ली कार्टून-सल्‍लू सीलेली चाचा-चाची ताऊ-ताई पप्‍पू कटेला-गप्‍पी बदनाम गंजा घनचक्‍कर-बुढिया दीवानी


लेख क- विनय भारत



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रेणु

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बहुत रोचक व्यंग -- बिलकुल भारतीय पुरुषों की मानसिकता को व्यक्त करता हुआ -- जिन्हें शादी किये बिना चैन नहीं -- जो इस कथित शादी के लड्डू को खाकर सारी उम्र दूसरों को ना खाने कि हिदायत देते अक्सर नजर आते है -- पर ये शादी का कार्ड और शादी का कार्यक्रम बहुत अनूठा है | -- बहुत बधाई ! १

25 अप्रैल 2017

प्रियंका शर्मा

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वाह , बहुत ही मज़ेदार व्यंग

25 अप्रैल 2017

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