मेरे कार्यालय में पानी के लिए बोरिंग हो रही थी तब मुझे " माँ " शब्द की महिमा एक और उदाहरण मिला।
"माँ" शब्द की महिमा का बखान करने के लिए मेरा जीवन तो पर्याप्त नहीं है बस इतना कह सकता हु की "माँ" शब्द जोड़ते ही कोई भी महान हो जाता है।
बोरिंग करते हुए एक के बाद एक कितने ही पाइप धरती में समाते जा रहे थे लेकिन उसके बाद भी धरती से मनुष्य के लिए जीवन (पानी ) ही प्राप्त हो रहा था।
शायद इसीलिए धरती को " धरती माँ " कहा जाता है।