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​आज सुबह -२ एक बार फिर मनुष्य समुदाय का होने पर शर्म आयी।

14 दिसम्बर 2016

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​आज सुबह -२ एक बार फिर मनुष्य समुदाय का होने पर शर्म आयी।


सुबह करीब ७:३० बजे अचानक किसी जानवर की कर्कश चीखें सुनाई दी बहार जाकर देखा तो कुछ (७-८ ) मनुष्य एक जानवर के साथ अपने मनुष्य होने का प्रमाण दे रहे थे.

वह एक सूअर था("था " शब्द इसलिए क्योंकि जब ये पोस्ट टाइप कर रहा हु तब तक उसके न जाने कितने टुकड़े हो चुके होंगे)


शर्म की बात ये है की जिस कड़ाके की ठण्ड में कोई छोटी सी चोट पर भी भीषण पीड़ा होती है ऐसी स्थिति में ७-८ मनुष्य एक बेजुबान पर वार कर रही थे उसको बड़ी ही बर्बरता से बांध रहे थे। और करीब सारे मोह्ल्ले वाले देख रहे थे।


कारण : क्योकि उनमे से अधिकतर लोग मांसाहारी है और उनमे कोई भी संवेदना शेष नहीं है।


मेरे कई जाने वाले यह मजाक में तर्क देते है की वो किसी की हत्या नहीं करते अपितु हत्या हो चुकी होती है वो मांस खाकर तो सिर्फ सफाई करते है। आप खाएंगे ही नहीं तो वो कोई और रोजगार कर लेंगे। मात्र कुछ सेकेण्ड की स्वाद के लिए किसी की हत्या।


उस जानवर(सूअर) की स्थिति को मात्र ३० सेकंड के लिए महसूस करे मेरा दावा है की आप अगर सच में चाहेंगे तो , आज नहीं तो कुछ समय बाद शाकाहारी हो जायेंगे।

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करके देखो अच्छा लगता है। .....

13 जनवरी 2017
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करके देखो अच्छा लगता है। .....रात में जब आप अपने आरामदायक गर्म बिस्तर सोने जाते है तो। ..... एक बार घर बाहर बिना किसी बिछोने के हड्डी गलाने वाली ठंड में रोड पर भूखे पेट कॉपते जानवर(कुत्ता , गाये अन्य ) के बारे में सोंचिए।कम से कम घर

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गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभ कामनाये। गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभ कामनाये।

26 जनवरी 2017
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गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभ कामनाये।आज ऐसा बहुत से देशवासी अपनी वाल पर पोस्ट करेंगे और बोलेंगे और . . . . . . . . . .. . . . . . . . . . . . . . . .फिर से लग जायेंगे अपने - अपने दैनिक कार्यो में.... निवेदन है...... सभी से की गणतंत्र दिवस रोज मनाये और देश की उन्नति में प

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"मौका" शब्द रोचक प्रयोग

12 मार्च 2017
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