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यादें.. ईश्क का मौसम युँही चला, दिल मेरा हिल ही गया, आँखों के समंदर मैं उतर ही गए,प्रित के रंग मैं रंग ही गए, क्या हया क्या शर्म सब पीछे छूट गया,आपकी चाहत में हम फना हो गए। बातें आपकी दिल मैं खंजर बन
प्यार की गहेराई---------------------मैं आपकी चाहत मैंजोगनियाँ हो गई,आपकी मुस्कान दिल मेंयुही तीर की तरह चुब सी गई,आपकी बातों में कुछ तो था,पर आप लफ्जों से न बल्किआँखो से बोल रहे थे।जो दिलसुनने के लिए
एक दास्तान.....,दर्द भरी दास्तान लेके मैं आई हूँचाह में आपके कितने ख़्वाब सजाए थें,उस ख़्वाब का पुख्ता सबूत लाई हूँ .प्यार मैं तो राधा और श्याम भी बिछड़े थे,हम इन्सानो का वज़ूद ही क्या?वही आंसू भरे गीत ले