एक दास्तान.....,
दर्द भरी दास्तान लेके मैं आई हूँ
चाह में आपके कितने ख़्वाब सजाए थें,
उस ख़्वाब का पुख्ता सबूत लाई हूँ .
प्यार मैं तो राधा और श्याम भी बिछड़े थे,
हम इन्सानो का वज़ूद ही क्या?
वही आंसू भरे गीत लेके आयी हूँ .
दिल जला था किसी के प्यार मैं,
रोशनी ढली हुई थी,आंखे बड़ी नम थी,
में प्यार की वही कड़वी हकीकत लाई हूँ
सांसे थम सी गई थी,दिल तूझे पुकार रहा था
निंदे उड़ी थी,रात आधी थी,प्यार मैं आपके फना जो हुए थे
ए लफ्ज कुछ सवालों के जवाब ढूँढते हुए आयी है,
जीवन का सफर बड़ा लम्हा है
कदम कदम मैं इम्तिहान है
मैं राह भटकी हुई मुसाफिर
तेरा पता पूछते पूछते आयी हूँ
मेरे दिल में तुम रहेते हो
ये बात अपने लफ्जो मैं बताने आयी हूँ .
शैमी ओझा "लफ्ज़"