0.0(0)
0 फ़ॉलोअर्स
1 किताब
ना मेरी यादों में तुम हो ना ही अब ख्याल तुम्हारा है जख्म इतनी दी हो तुम कि अब मेरे दिल में तुम्हारे लिए प्यार नहीं बचा है। रोज मरता हूं इस मोहब्बत में तेरी बेवफ़ाई की सितम से कभी तो जान ले ले मेरी तूं
उसके दूर जाने से नहीं उसकी यादों में जीना मुश्किल है, वो अब बन गई है किसी और कि इस हकीकत को झूठलाना मुश्किल है, मोहब्बत आज भी उससे इतनी है कि उसके बगैर एक पल भी जीना मुश्किल है।💔💔💔 ~शशि कुमार
धड़कने बढ़ाओगी तो दिल धड़केगा ही अदाएं दिखाओगी तो दिल बहकेगा ही खुबसूरत तुम हो मेरी आंखों का दोष नहीं है दिल को भा गई हो तुम आंख तो तुम पर ठहरेगा ही। ❤️❤️❤️ ~शशि कुमार