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शिव की अपार महिमा

18 अगस्त 2022

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एक बार की बात है भगवान शंकर और पार्वती मां कहीं जाते रहते हैं तो माता पार्वती बोलती हैं कि मैं मृत्युलोक में थोड़ा कुछ मनुष्यों की परीक्षा लेना चाहती हूं तो भगवान शंकर भोले तुम कैसी परीक्षा लेना चाहती हो फिर मां पार्वती बोली आप मेरे साथ में चलो हम गरीबी और अमीर लोगों की परीक्षा देना चाहते हैं कि किसके दिल में दया है
उसके बाद भगवान शंकर और पार्वती एक गरीब का भेष बनाते हैं और एक सेठ के पास जाते हैं और उसको बोलते हैं हमको एक रात का आश्रय चाहिए लेकिन वह शेर अपने हिसाब किताब में बिजी रहता है और शंकर पार्वती की तरफ देखता भी नहीं रुक ₹1 देता है और बोलता है इधर से चले जाओ हमारे पास रहने की जगह नहीं है उसके बाद शंकर और पार्वती जी  चल देते हैं लेकिन भगवान शंकर जाते जाते उसको और धन देते हैं तो पार्वती बोलती हैं एक तो इसने हम लोगों को ठिकाना भी  नहीं दिया और आप इसको  और अमीर बना दिए फिर भगवान शंकर बोलते हैं अपने में लिखते पढ़ते ही उसी में खत्म हो जाएगा इसको भक्ति करने के लिए नहीं मिलेगा उसके बाद कुछ दूर आगे जाते हैं तो एक साधु बाबा रहते हैं शंकर भगवान और मां पार्वती साधु की कुटी में जाते हैं तो साधु पूछते हैं आने का कारण बताओ 
फिर भगवान शंकर बोलते हैं हम दोनों पति-पत्नी है हम लोगों को आज रुकने का ठिकाना चाहिए फिर साधु बोलते हैं आप इधर रुक जाइए उसके बाद भगवान शंकर और मां पार्वती साधु की कूटी में रात को रुक जाते हैं साधु उन लोगों को खाना बनाते हैं और सोने के लिए स्थान देते हैं उसके बाद जब सुबह होती है तो शंकर भगवान और पार्वती साधु से विदा लेकर चल देते हैं 
जब शंकर भगवान कुछ दूर पर जाते हैं तो साधु के पास एक गाय रहती है वह तुरंत मर जाती है तो पार्वती पूछते हैं कि आप बड़े निर्दई हो वह सेठ ने हम लोगों को ठिकाने नहीं दिया तो उसको और अमीर बना दिए और एक साधु ने हम लोगों को ठिखाना दिया तो एक गाय थी उसको भी मार डाले 
फिर भगवान शंकर पार्वती से बोले तुम नहीं समझोगे एक गाय रहेगी तो गाय के खाना पानी चारे के बारे में सोचेंगे और अगर जब गाय भी नहीं रहेगी तो इस सिर्फ हमारे बारे में सोचेंगे हमारी पूजा करेंगे हीरे दुनिया से मुक्त हो जाएंगे गाय रहने पर इनको थोड़ा बांधा रहती थी और वह जो तुम सेठ की बात कर रही हो वह उसी में लिखते लिखते खत्म हो जाएगा उसको पता भी नहीं चलेगा दुनिया में क्या हो रहा है कैसे हुआ धर्म कर्म क्या है कुछ भी नहीं मालूम नहीं चलेगा

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रचनाएँ
शिव की अपार महिमा
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भगवान शिव को सबसे जल्दी प्रसन्न होने वाला देव माना जाता है क्योंकि भोलेनाथ इतना जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं कभी-कभी तो बिना पूजा किए ही प्रसन्न हो जाते हैं एक बार की बात है एक कथा जाती है एक भक्त भगवान शिव के मंदिर में पूजा करने के लिए जाता है जब वह जल फल फूल सब चढ़ाता है पूजा करने के बाद वह जब घंटा बजाने के लिए हाथ ऊपर करता है तो देखता है सोने का घंटा है तो उसके मन में पाप छा जाता है सोचता है या घंटा चुरा लेता हूं लेकिन वह घंटा खोलने के लिए उसका हाथ वहां तक नहीं पहुंचता है फिर वह शिवलिंग के ऊपर चढ़ जाता है शिवलिंग के ऊपर चढ़ने के बाद वह वह घंटा खोलने की कोशिश करने लगता है लेकिन तभी भगवान शंकर प्रकट हो जाते हैं और उसको बोलते हैं लोग तो हमें फल फूल ही चढ़ाते हैं लेकिन तुमने तो खुद अपने आप को ही हमको चढ़ा दिया इस बुक में ऐसे ही भोले भक्तों की कहानी है की शिव भक्तों ने कम परिश्रम मे भगवान शिव को पा लिया
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भगवान से पहले भक्त

18 अगस्त 2022
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एक बार रावण भगवान शंकर की कैलाश पर बहुत तपस्या करता है हो इतना ज्यादा तपस्या करता है कि वह 10000 सालों तक तपस्या करता रहता है लेकिन फिर भी भगवान शंकर प्रसन्न नहीं होते भगवान सोचते हैं कि एक तो पहले से

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विश्व सुंदरी रूप

18 अगस्त 2022
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एक भगवान शंकर का सेवक रहता है उसका नाम भस्मासुर रहता है वह भगवान शंकर की बहुत सेवा करता है तो भगवान शंकर उस पर प्रसन्न हो जाते हैं भगवान शंकर थोड़े ही पूजा से बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं वही हाल भस

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शिव की अपार महिमा

18 अगस्त 2022
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एक बार की बात है भगवान शंकर और पार्वती मां कहीं जाते रहते हैं तो माता पार्वती बोलती हैं कि मैं मृत्युलोक में थोड़ा कुछ मनुष्यों की परीक्षा लेना चाहती हूं तो भगवान शंकर भोले तुम कैसी परीक्षा लेना चाहती

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चंद्र देव की कथा

20 अगस्त 2022
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यह कहानी है चंद्र देव की है जिन्होंने दक्ष की 27 कन्याओं से विवाह किया था लेकिन चंद्र देव जी सिर्फ रोहिणी को ही मानते थे बाकी से वह हमेशा थोड़ा कुपित ही रहते थे फिर उन कन्याओं ने यह बात जाकर के दक्ष ज

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शिवभक्त चंद्रसेन

20 अगस्त 2022
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एक बार चंद्रसेन भगवान शिव की आराधना कर रहे थे तभी वहां से एक गोप बालक अपनी मां के साथ गुजराकुछ गोप बालक का नाम था श्रीकर जब श्री करने चंद्रसेन को भगवान शिव की भक्ति में लीन देखा तो उसके मन में भी

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