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शिवभक्त चंद्रसेन

20 अगस्त 2022

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एक बार चंद्रसेन भगवान शिव की आराधना कर रहे थे तभी वहां से एक गोप बालक अपनी मां के साथ गुजरा
कुछ गोप बालक का नाम था श्रीकर 
जब श्री करने चंद्रसेन को भगवान शिव की भक्ति में लीन देखा तो उसके मन में भी भगवान शिव की आराधना करने की इच्छा हुई लेकिन उसके पास पूजा की कोई सामग्री नहीं थी तो उसने रास्ते से एक पत्थर उठाया और भगवान का स्वरूप मानकर वह उस पत्थर की पूजा करने लगा
उसने पत्थर पर रास्ते में पड़े हुए पुष्प अर्पित की और चंद्रसेन की तरह पूजा में लीन हो गया श्रीकर की मां ने अपने पुत्र को कई बार आवाज लगाई लेकिन वह भक्ति में इतना लीन था कि उसको कुछ सुनाई नहीं दिया यह देखकर सीकर की माता अत्यंत क्रोधित हुई और वह पत्थर  उठा कर के फेंक दिया यह देख कर के और बालक के बाल मन पर बहुत ठेस पहुंची और वह रोने लगा और महादेव का नाम लेकर रोते-रोते बेहोश हो गया
उस बालक का रूदन देखकर भगवान भोलेनाथ भी पसीज गए और श्रीकर की भक्ति से प्रसन्न हो गए उस नन्हें बालक को जब होश आया तो उसके सामने स्वर्ण मंदिर खड़ा था उसके अंदर तेजो में ज्योतिर्लिंग स्थापित था
यह देख बालक प्रसन्न हुआ और  शिव भक्ति में लीन हो गया जैसे ही यह खबर राजा चंद्रसेन को पहुंची और शिव भक्त बालक से मिलने बिना नहीं रह सके और उस हम बालक से मिलने पहुंच गए तभी से महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग अवंती नगरी में विराजमान है यहां पर हमेशा भक्तों का ताता लगा रहता है
महाकालेश्वर मंदिर के अंदर  ज्योतिर्लिंग की आभा इस बात का घोतक है उज्जैनी का राजा एक ही है वह कालों के काल महाकाल महाकाल की आराधना सुबह में भस्म आरती से प्रारंभ हो जाती है कहते हैं या महादेव के जागने की प्रक्रिया है
कहते हैं महाकाल पर चढ़े प्रसाद को जो भी ग्रहण करता है उसके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं

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रचनाएँ
शिव की अपार महिमा
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भगवान शिव को सबसे जल्दी प्रसन्न होने वाला देव माना जाता है क्योंकि भोलेनाथ इतना जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं कभी-कभी तो बिना पूजा किए ही प्रसन्न हो जाते हैं एक बार की बात है एक कथा जाती है एक भक्त भगवान शिव के मंदिर में पूजा करने के लिए जाता है जब वह जल फल फूल सब चढ़ाता है पूजा करने के बाद वह जब घंटा बजाने के लिए हाथ ऊपर करता है तो देखता है सोने का घंटा है तो उसके मन में पाप छा जाता है सोचता है या घंटा चुरा लेता हूं लेकिन वह घंटा खोलने के लिए उसका हाथ वहां तक नहीं पहुंचता है फिर वह शिवलिंग के ऊपर चढ़ जाता है शिवलिंग के ऊपर चढ़ने के बाद वह वह घंटा खोलने की कोशिश करने लगता है लेकिन तभी भगवान शंकर प्रकट हो जाते हैं और उसको बोलते हैं लोग तो हमें फल फूल ही चढ़ाते हैं लेकिन तुमने तो खुद अपने आप को ही हमको चढ़ा दिया इस बुक में ऐसे ही भोले भक्तों की कहानी है की शिव भक्तों ने कम परिश्रम मे भगवान शिव को पा लिया
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भगवान से पहले भक्त

18 अगस्त 2022
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एक बार रावण भगवान शंकर की कैलाश पर बहुत तपस्या करता है हो इतना ज्यादा तपस्या करता है कि वह 10000 सालों तक तपस्या करता रहता है लेकिन फिर भी भगवान शंकर प्रसन्न नहीं होते भगवान सोचते हैं कि एक तो पहले से

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विश्व सुंदरी रूप

18 अगस्त 2022
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एक भगवान शंकर का सेवक रहता है उसका नाम भस्मासुर रहता है वह भगवान शंकर की बहुत सेवा करता है तो भगवान शंकर उस पर प्रसन्न हो जाते हैं भगवान शंकर थोड़े ही पूजा से बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं वही हाल भस

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शिव की अपार महिमा

18 अगस्त 2022
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एक बार की बात है भगवान शंकर और पार्वती मां कहीं जाते रहते हैं तो माता पार्वती बोलती हैं कि मैं मृत्युलोक में थोड़ा कुछ मनुष्यों की परीक्षा लेना चाहती हूं तो भगवान शंकर भोले तुम कैसी परीक्षा लेना चाहती

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चंद्र देव की कथा

20 अगस्त 2022
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यह कहानी है चंद्र देव की है जिन्होंने दक्ष की 27 कन्याओं से विवाह किया था लेकिन चंद्र देव जी सिर्फ रोहिणी को ही मानते थे बाकी से वह हमेशा थोड़ा कुपित ही रहते थे फिर उन कन्याओं ने यह बात जाकर के दक्ष ज

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एक बार चंद्रसेन भगवान शिव की आराधना कर रहे थे तभी वहां से एक गोप बालक अपनी मां के साथ गुजराकुछ गोप बालक का नाम था श्रीकर जब श्री करने चंद्रसेन को भगवान शिव की भक्ति में लीन देखा तो उसके मन में भी

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