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शिक्षा का मुख्य अंग -शिक्षक

10 अगस्त 2017

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featured image शिक्षा मुख्य रूप से तीन अंगों पर निर्भर करती हैं -(1) शिक्षक (2) विद्यार्थी (3)पाठ्यक्रम | शिक्षक शिक्षा का सबसे महत्वपूर्ण अंग हैं | शिक्षक के आभाव में शिक्षा के दोनों अंगों का कोई आधार नहीं हैं या फिर दूसरे शब्दों में कहे कि शिक्षक ही शिक्षा के दोनों अंगों का नींव हैं | सही अर्थ में शिक्षक वही हैं कि जो किसी भी व्यक्ति में शिक्षा का अलख जगा सकें | वर्तमान समय में शिक्षा की स्थिति के बारे में जितनी भी चर्चा की जाये उतना ही कम हैं |संभवतः प्रतिदिन ही शिक्षा से जुडी कोई न कोई खबर न्यूज़ में सुनने में आती है या अखबार में प्रकाशित होती हैं | वर्तमान समय में शिक्षा के महत्वपूर्ण अंग की स्थिति अत्यंत दयनीय ही कही जा सकती हैं क्योंकि कई विद्यालय शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं जिसके कारण पठन पाठन के कार्य में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा हैं | कभी -कभी सुनने में ऐसा भी आता हैं कि विद्यालय में जब किसी अधिकारी महोदय ने निरीक्षण किया तो यह पाया कि शिक्षक सोते हुए पाये गए हैं या कक्षा में शिक्षक पठन पाठन का कार्य नहीं कर रहे हैं या जब अधिकारी महोदय शिक्षक से कोई सवाल पूछते हैं तो शिक्षक उसका सही जवाब नहीं दे पा रहे हैं या फिर अधिकारी महोदय विद्यार्थियों से से कोई सवाल पूछते हैं तो विद्यार्थी भी उसका सही जवाब नहीं दे पा रहे हैं | जिन विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है वहाँ पर यदि यह स्थिति हैं तो समझ में आता हैं पर जहाँ पर ऐसी स्थिति नहीं वहाँ पर कहीं न कहीं शिक्षकों की अपने काम के प्रति ईमानदारी नहीं हैं यह बात पूर्णतः सही हैं | वास्तव में शिक्षक ही किसी भी राष्ट्र के निर्माण का सबसे महत्वपूर्ण सहायक हैं उससे इस बात की अपेक्षा नहीं की जा सकती हैं| कुछ शिक्षक ऐसे भी हैं जो अपना काम पूर्णतः ईमानदारी से करते हैं वे सम्मान के पात्र हैं |

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