आज कोरोना आपदा वैश्विक आधार ले चुकी है। दुनिया भर में मौतों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। शक्तिशाली देश इस वायरस के आगे लाचार दिखते हैं। आगे क्या होगा, यह कहना बहुत कठिन है कोरोना ने मानव के विकास की पांच मौलिक आवश्यकताओं - स्वास्थ्य, शिक्षा, सुपोषण, सम्पोषण एवं संप्रेषण को एकदम ठप कर दिया है. इस आपातकालीन परिस्थिति से उबरने हेतु प्रत्येक नागरिक को कुछ विशेष दायित्व निभाना भी होगा आज के इस राष्ट्रीय आपदा के निराकरण हेतु देश की वर्तमान परिस्थिति को राष्ट्रीय आपातकालीन परिस्थिति स्वीकार करते हुए हम सभी भारतीयों को स्वतः संकल्प लेकर सजग रहना चाहिए। मानवता के सामने आया यह अभूतपूर्व संकट हमसे जिम्मेदार नागरिक बनने की मांग करता है। हमारा दायित्व है कि हम सरकार के आदेशों का पालन करें इन आदेशों के विपरीत किसी अफवाह भ्रम और टिप्पणी की पूर्णतः उपेक्षा करें। देश के हर नागरिक से यह अपेक्षा की जाती है कि वह इस आपदा की गंभीरता को समझें भारतीय सनातनी संस्कृति की सकारात्मकता और विज्ञान की प्रासंगिकता को दिनचर्या का अनिवार्य अंग बनाकर ही कोरोना के संकट से लड़ा जा सकता हैं।